साध्वी श्री मुक्ता जी महाराज ने जन्म संस्कार पर प्रकाश डाला
एसएस जैन स्थानक 39 सेक्टर की प्रार्थना सभा में साध्वी श्री मुक्ता जी महाराज ने जन्म संस्कार पर प्रकाश डाला।
संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक 39 सेक्टर की प्रार्थना सभा में साध्वी श्री मुक्ता जी महाराज ने जन्म संस्कार पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि जैसे ही बालक नौ महीने के बाद गर्भ से बाहर आता है उसे बाहर की रोशनी में असहज महसूस होता है। क्योंकि हम आज बालक को जन्म के समय अच्छे संस्कार नहीं दे रहे। हम समझते हैं जो बालक रोता है वह बालक बिल्कुल स्वस्थ है, जबकि इसके विपरीत भगवान महावीर के शास्त्रकारों ने यह फरमाया कि जो बालक जन्म के समय रोता है वह पूरा जिदगी भर रोता ही रहता है। इसलिए बालक के रोने का कारण बताते हुए फरमाया कि जब बालक माता के गर्भ में नौ महीने रहता है तो अपने आप को सुरक्षित और सुखद महसूस करता है। परंतु बाहर आते ही वह भयभीत होने लगता है। जब बालक का जन्म होता है। तब हम उसकी फोटो खींचने लग जाते हैं। परंतु भगवान महावीर के विज्ञानिकों ने बताया कि अंदर वह अंधेरे में होता है और एकदम प्रकाश में आने पर और मोबाइल की रेडिएशन से बच्चे के शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इस आदत को हमें छोड़ देना चाहिए। एक महीने तक बालक को बहुत तेज रोशनी में या बाहर की अत्यधिक चकाचौध से बचाकर रखना होगा। तभी बालक का जन्म संस्कार अच्छा होगा। मंगलवार की सभा में बाहर से गुरु भक्तों ने गुरु दर्शन सेवा का लाभ लिया। इस अवसर पर सभाध्यक्ष विनोद जैन, महामंत्री नितिन जैन, मंत्री अनूप जैन, भोजन मंत्री अभय जैन, वर्धमान युवक मंडल, चंदना युवती संघ के सदस्यों ने उपस्थिति दर्ज करवाई।