आर्थिक पैकेज को तरस रहा है छोटा दुकानदार : गैंद
पंजाब रेडीमेड एसोसिएशन के उपाध्यक्ष बिपन चंद्र गैंद ने छोटे दुकानदारों की दयनीय हालत को दूर करने की पंजाब सरकार से गुहार लगाई है।
जागरण संवाददाता, खन्ना : पंजाब रेडीमेड एसोसिएशन के उपाध्यक्ष बिपन चंद्र गैंद ने छोटे दुकानदारों की दयनीय हालत को दूर करने की पंजाब सरकार से गुहार लगाई है। गैंद ने कहा कि छोटा दुकानदार आर्थिक राहत पैकेज को तरस रहा है। सरकार ने गरीबों और अमीरों के लिए बहुत कुछ किया, लेकिन मंदी की मार झेल रहे छोटे दुकानदारों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है। दुकानदार आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं।
गैंद ने कहा कि बाजार खुल तो गए हैं, लेकिन ग्राहक दिखाई नहीं दे रहा। उस पर बैंकों के ब्याज, दुकानों के किराए, कर्मचारियों के वेतन का बोझ दुकानदारों पर है। ऐसे में कम से कम पंजाब सरकार को बंद दुकानों के बिजली के बिल तो माफ करने चाहिए थे। इसके अलावा पंजाब सरकार सरकार जीएसटी में राहत देकर दुकानदारों को मंदी के हालात से निकाल सकती है।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद बैक ब्याज ले रहा है, पावरकॉम जुर्माने समेत बिल वसूल रहा है और सरकार जीएसटी ले रही है। दुकानदारों को देने के लिए सरकार के पास कुछ नहीं है। उन्होंने बिजली बिल के अलावा जीएसटी और बैंक ब्याज एक साल के लिए माफ करने की मांग की है।
वेबिनार में हुई भारत की अर्थव्यवस्था पर चर्चा
लुधियाना : आर्य कॉलेज लुधियाना के आइक्यूएसी और पोस्ट ग्रेजुएट विभाग ऑफ कॉमर्स और मैनेजमेंट ने भारतीय अर्थव्यवस्था को फिर से संगठित करने के लिए वेबिनार का आयोजन किया। मैनेजिंग कमेटी की सचिव सतीशा शर्मा और प्रिंसिपल डॉ. सविता उप्पल की अध्यक्षता में वेबिनार का शुभारंभ किया गया। उन्होंने कहा कि संकट के इस समय में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए वाणिज्य और उद्योग को नया रूप देना समय की जरूरत है। वाणिज्य विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. शैलजा आनंद ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में वाणिज्य क्षेत्र को अपनी जरूरत और प्राथमिकताओं को फिर से परिभाषित करने की प्रबल आवश्यकता है। मुख्य वक्ता डॉ. अजय शर्मा ने कोविड-19 और भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव पर चर्चा की। उन्होंने मौजूदा समय की गंभीर समस्याओं यानी जीडीपी का कम होना, बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, लघु उद्योगों और उद्योगों की बिगड़ती स्थिति को उजागर किया। सत्र का समापन पर डॉ. सोनिया उप्पल ने सबका धन्यवाद किया।