लुधियाना में श्रीमद्भागवत कथा में बोले डा. राम नारायण- सच्चे मन से कथा का श्रवण करने वाले को मिलता है फल

लुधियाना में वेद निकेतन धाम पब्लिक चेरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में श्री महामंडलेश्वर स्वामी वेद भारती महाराज की अध्यक्षता में आठ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा बाजवा नगर वेद निकेतन धाम में जारी है। दूसरे दिन कथा व्यास डा. राम नारायण त्रिपाठी ने परीक्षित के जन्म-कर्म की कथा सुनाई।

By Vinay kumarEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 09:53 AM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 09:53 AM (IST)
लुधियाना में श्रीमद्भागवत कथा में बोले डा. राम नारायण- सच्चे मन से कथा का श्रवण करने वाले को मिलता है फल
लुधियाना में बाजवा नगर वेद निकेतन धाम में श्रीमद्भागवत कथा जारी।

लुधियाना, जेएनएन। वेद निकेतन धाम पब्लिक चेरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में श्री महामंडलेश्वर स्वामी वेद भारती महाराज की अध्यक्षता में आठ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा बाजवा नगर वेद निकेतन धाम में जारी है। दूसरे दिन कथा व्यास डा. राम नारायण त्रिपाठी ने परीक्षित के जन्म-कर्म की कथा सुनाई।

उन्होंने बताया कि परीक्षित जैसा ज्ञानी रजा जिसने गर्भ में नौ महीने तक भागवत दर्शन किया। फिर भी संसार बन में भटक कर संत के गले में मरे सर्प की माला डाली। जिससे उनका जीवन शापित हो गया। सात दिन में मृत्यु का शाप श्रृंगी ऋषि ने दिया। वास्तव में दिन तो सात ही होते है इन्ही में ही सबको मरना है। परीक्षित तो मृत्यु गर्भ में ही अश्वस्थामा के ब्रrा शास्त्र रूप में देख चुके हैं। अब तो केवल मृत्यु सुधरे और सहज वरण करना है। यह बिना गुरु के सम्भव नहीं। ऐसा ब्रह्म ज्ञानी गुरु बिना मातृ-पितृ वंश धन और आत्म शुद्धि हुए बिना नहीं मिलते।

स्वामी वेद भारती ने कहा कि सच्चे मन से कथा का श्रवण करने वाले को फल मिलता है। कथा में ध्यान केंद्रित कर प्रभु सुमिरन में लगाना चाहिए। कथा में आए तो सच्चे मन से प्रभु का सिमरन करें। इस अवसर पर साध्वी अमिता, साध्वी चैतन्या, साध्वी संगीता, साध्वी सुमेधा, साध्वी श्रेया, आदि ने गुरु महिमा से श्रद्धालुओं को अभिभूत किया।

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