त्योहारी सीजन में सड़कों को नुकसान पहुंचा रहे दुकानदार, दुकानों के बाहर टेंट लगाने के लिए कर रहे तोड़फोड़

दुकानदार त्योहारी सीजन में नगर निगम से परमिशन लेकर दुकानों के बाहर सामान लगा देते हैं और इसके बदले निगम को कुछ फीस जमा करवाते हैं। इसी परमिशन की आड़ में दुकानदार टेंट की पाइपें गाढ़ देते हैं।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 08:16 AM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 08:16 AM (IST)
त्योहारी सीजन में सड़कों को नुकसान पहुंचा रहे दुकानदार, दुकानों के बाहर टेंट लगाने के लिए कर रहे तोड़फोड़
सड़क पर पाइप खड़ी करने के लिए सब्बल से छेद किए जाते हैं। जिससे सड़कें टूटनी शुरु हो जाती हैं।

लुधियाना, जेएनएन। त्योहारी सीजन आते ही दुकानदार अपने मुनाफे के लिए शहर की सड़कों को तोड़ना शुरू कर देते हैं। दुकानदार त्योहारों के दौरान अपनी दुकानों के बाहर टेंट लगा देते हैं। इसके लिए वह सड़क पर चार जगहों पर पाइपें गाढ़ देते हैं। जिससे सड़क धीरे धीरे टूटने लग जाती है। जिससे नई बनी सड़कें भी कुछ ही समय में खराब होने लगती हैं।

दरअसल, दुकानदार त्योहारी सीजन में नगर निगम से परमिशन लेकर दुकानों के बाहर सामान लगा देते हैं और इसके बदले निगम को कुछ फीस जमा करवाते हैं। इसी परमिशन की आड़ में दुकानदार टेंट की पाइपें गाढ़ देते हैं। निगम अफसर भी दुकानदारों से फीस लेकर चुपचाप बैठ जाते हैं और यह तक चेक नहीं करते हैं कि दुकानदारों ने रोड को नुकसान तो नहीं पहुंचाया।

सड़क पर पाइप खड़ी करने के लिए सब्बल से छेद किए जाते हैं। जब दुकानदार पाइप निकालते हैं तो वह छेदों को अच्छे से बंद नहीं करते। नतीजा यह होता है कि बरसात के समय इन छेदों में पानी भर जाता है और सड़क धीरे धीरे टूटने लगती है। आरटीआई एक्टिविस्ट अरविंदर शर्मा ने अब स्थानीय निकाय विभाग को शिकायत भेजी है कि सड़कों पर इस तरह छेद करने की अनुमति न दी जाए और साथ ही छेद करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

मेयर बलकार सिंह संधू जब मेयर बने थे, तब उन्होंने शहर के टेंट संचालकों से भी अपील की थी कि वह किसी भी कार्यक्रम में सड़क पर छेद न करें बल्कि अपने टेंट लगाने के मटीरियल को अपग्रेड करके बिना पाइप गाढ़े टेंट लगा दें। इससे शहर की सड़कों का नुकसान नहीं होगा। मेयर बलकार सिंह संधू का कहना है कि वह इस मामले में अफसरों को हिदायतें देंगे कि सड़क एरिया में किसी को भी पाइप गाढ़ने की अनुमति न दी जाए और ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

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