मंत्री रंधावा पर लोंगोवाल का पलटवार, बाेले-वेरका महंगा दे रहा था दूध, तभी दूसरी कंपनी को दिया ठेका
लोंगोवाल ने कहा कि कोरोना के कारण लगाए लॉकडाउन के दाैरान वेरका को किसानों से बहुत कम रेट से दूध मिल रहा था।
लुधियाना, जेएनएन। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा महाराष्ट्र की कंपनी काे दूध का ठेका देने का विवाद थमता नजर नहीं अा रहा है। पहले मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने एसजीपीसी पर अाराेप लगाए अाैर अब शिराेमणि कमेटी प्रधान ने पलटवार किया है। एसजीपीसी प्रधान गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने साफ किया कि वेरका एसजीपीसी को महंगा दूध दे रहा था इसी कारण ठेका महाराष्ट्र की एक कंपनी को दिया गया है। गाैरतलब है कि कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने एसजीपीसी पर मिल्कफेड को दूध का ठेका न देकर पंजाब के किसानों के साथ धोखा करने के आरोप लगाया था।
एसजीपीसी काे पांच कराेड़ का नुकसान
शनिवार काे श्री गुरुद्वारा शहीदां फेरूमान में अायाेजित एक समाराेह में शिरकत करने पहुंचे लोंगोवाल ने कहा कि कोरोना के कारण लगाए लॉकडाउन के दाैरान वेरका को किसानों से बहुत कम रेट से दूध मिल रहा था। इसके बाद भी कंपनी ने एसजीपीसी को दूध महंगा दिया। इससे एसजीपीसी को करीब पांच करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा था। इसी कारण एसजीपीसी ने वेरका से कांट्रेक्ट तोड़ा। एसजीपीसी अब महाराष्ट्र की कंपनी कसे ही दूध खरीदेगी।
एसजीपीसी को लंगर के लिए तीन सौ क्विंटल दाल दी
श्री गुरुद्वारा शहीदां फेरुमान में अकाली दल ने एसजीपीसी को लंगर के लिए करीब तीन सौ क्विंटल दाल भेंट की। एसजीपीसी अध्यक्ष लोंगोवाल ने कहा कि एसजीपीसी कोरोना काल में भी लगातार लंगर की सेवा कर रही है। अाने वाले दिनाें में भी सेवा के काम जारी रखे जाएंगे।
पंजाब में दूध उत्पादन की स्थिति
- रोजाना 360 लाख लीट
- गांवों में खपत 180 लाख लीटर।
- वेरका के 9 प्लांट और 26 प्राइवेट प्लांट लेते हैं 80 लाख लीटर।
-दोधी लेते हैं 80 लाख लीटर।
- 20 लाख लीटर की बनती हैं मिठाइयां और अन्य डेयरी उत्पाद।