बुनियादी सुविधाओं से बेजार लुधियाना का सराफा बाजार

लुधियाना में चौड़ा बाजार स्थित सराफा बाजार 100 साल से भी अधिक पुराना है। बदलते वक्त के साथ शहर की तस्वीर बदल गई लेकिन सराफा बाजार जस का तस है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 May 2021 06:22 AM (IST) Updated:Sat, 22 May 2021 06:22 AM (IST)
बुनियादी सुविधाओं से बेजार लुधियाना का सराफा बाजार
बुनियादी सुविधाओं से बेजार लुधियाना का सराफा बाजार

राजीव शर्मा/कुलदीप काला, लुधियाना : लुधियाना में चौड़ा बाजार स्थित सराफा बाजार 100 साल से भी अधिक पुराना है। बदलते वक्त के साथ शहर की तस्वीर बदल गई, लेकिन सराफा बाजार जस का तस है। पुरानी बिल्डिंग के बीच कई कारोबारियों ने अपने नए शोरूम बना लिए हैं, लेकिन तंग बाजार, भीड़भाड़ के बीच बाजार आज भी बुनियादी सुविधाओं को तरस रहा है। बाजार में न सार्वजनिक शौचालय है और न ही पानी का पुख्ता इंतजाम। इसके अलावा सीवरेज भी कई बार रंग दिखाने लगता है। बरसात में तो बीस मिनट की बारिश से ही पानी लोगों के घुटनों तक पहुंच जाता है। इसके अलावा बाजार में बिजली की तारों का ऐसा जाल बिछा है, मानो जान का खतरा उपर ही मंडरा रहा है। इस संबंध में कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को दुकानदारों ने गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक समस्याएं जस की तस हैं।

--------- सराफा बाजार दशकों पुराना है, तंग गलियों के बीच पानी की निकासी का पुख्ता इंतजाम नहीं है। खास कर बरसात के दिनों में बीस मिनट की बारिश में ही पानी घुटनों तक पहुंच जाता है। बाजार में पैर रखना तक भारी होता है। पानी निकलने में भी एक से दो घंटे तक का वक्त लगता है। निगम को बरसात के पानी की निकासी के लिए पुख्ता इंतजाम करने की जरूरत है।

-प्रिस बब्बर, बब्बर ज्वैलर्स एवं प्रधान स्वर्णकार संघ सराफा बाजार में बुनियादी सुविधाओं का भारी अभाव है। हालांकि बाजार में सीवरेज सिस्टम मौजूद है, लेकिन वह क्षमता से काफी कम है। कई बार सीवरेज में दिक्कत आ जाती है। इससे भी परेशानियां बढ़ती हैं। उनका कहना है कि बाजार में जरूरत के अनुसार सिस्टम बना कर ही इस समस्या का समाधान किया जा सकता है।

-सौरव लूथरा, पैरिस ज्वैलर्स बाजार में एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है। दुकानदारों को गुड़ मंडी, दरेसी या फिर कोतवाली में जाना पड़ता है। कई बार ग्राहक भी वाशरूम जाने की मांग करता है तो काफी दिक्कत आती हैं। बाजार में एक सार्वजनिक शौचालय बनाने की व्यवस्था करना अनिवार्य है। इस संबंध में प्रशासन को शीघ्र ही ध्यान देना होगा। इसमें दुकानदार भी सहयोग के लिए तैयार हैं।

-गुरप्रीत सिंह, बलजीत सिंह एंड संस ज्वैलर्स बाजार में बिजली की तारों का जाल बिछा हुआ है। ऊपर देखने पर तारें ही तारें नजर आती हैं। ऐसा लगता है कि अभी तारें आपस में टकरा जाएंगी और करंट दौड़ सकता है। इस संबंध में पावरकाम को कई बार कहा गया है। इस दिशा में कुछ काम हुआ है, लेकिन काफी अभी होना बाकी है।

-पदम गोयल, वीवी गोयल ज्वेलर्स बाजार में पावर काम ने बिजली के मीटर बाहर लगवा रखे हैं, लेकिन इनका रखरखाव बेहतर नहीं हैं। कई दुकानदारों ने खुद ही इनको अच्छी तरह से फिट कराया है। कई खंबों पर टंगे हैं। इनसे भी करंट लगने का खतरा रहता है। पावरकाम को चाहिए की बिजली के मीटर सही ढंग से लगा कर उनकी तारों को बखूबी चैक कर दुरुस्त किया जाए

-अमित मेहता, मेहता संस ज्वेलर्स बाजार में सार्वजनिक तौर पर पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। कोविड काल में लोगों को मास्क, सेनिटाइजेशन, दो गज की दूरी के साथ साथ बार बार हाथ धोने के लिए कहा जा रहा है। लेकिन यहां पर कोई सार्वजनिक तौर पर ऐसी सुविधा मौजूद नहीं है। इससे भी लोगों को परेशानी हो रही है।

-कमल मेहता, केके मेहता ज्वेलर्स सराफा बाजार से सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। कारोबारी जीएसटी, प्रापर्टी टैक्स समेत कई तरह के टैक्स देते हैं। बदले में बाजार में किसी भी तरह की सुविधा नहीं मिल रही है। दुकानदारों को बुनियादी सुविधाओं तक के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है। प्रशासन इस संबंध में दुकानदारों से बात कर तुरंत समाधान करें।

-गोपाल वर्मा, राज कुमार एंड संस ज्वेलर्स बाजार में हालांकि सड़क बनाई गई है, लेकिन अब वह कई जगह से टूट गई है। सड़क में कई जगहों पर गड्ढे हैं। इनको भरने की जरूरत है। इसके अलावा सीवरेज के ढक्कन भी सड़क से नीचे हो गए हैं। इनको भी उपर उठाने की जरूरत है। प्रशासन को सड़क की मरम्मत कर उसे बेहतर बनाने के उपाय करने होंगे।

-मनोहर लाल गोयल, माडरेट ज्वेलर्स बाजार में दुकानदारों की दिक्कतें लगातार बढ़ रही हैं। इनका समाधान नहीं हो रहा है। दुकानों पर ग्राहकों की कमी रहती है, लेकिन बाजार में भीड़ जबरदस्त रहती है। आना जाना तक कठिन है। बाजार में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन को ठोस उपाय करने की जरूरत है।

-पुनीत पासी, रामेश्वर चैन्स बाजार में बिजली की तारों की हालत काफी खस्ता है। सालों पुरानी बिजली की तारें नीचे लटकती हैं। कभी भी हादसा हो सकता है। इनके समाधान का रास्ता तलाशने की जरूरत है। इसके अलावा अन्य जरूरी सुविधाएं भी दुकानदारों को मिलनी चाहिए। इस संबंध में प्रशासन शीघ्र ही कदम उठाए।

-विनोद कुमार, विनोद बैंगल्स

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