संत मुनि का अपना कोई घर नहीं होता : साध्वी रत्न संचिता
तपचन्द्रिका श्रमणी गौरव सरलमना महासाध्वी गुरुणी मैयां वीणा म. सा. ठाणा-5 के सानिध्य में जैन स्थानक सिविल लाइंस में ऐतिहासिक चातुर्मास जारी है।
संस, लुधियाना : तपचन्द्रिका श्रमणी गौरव सरलमना महासाध्वी गुरुणी मैयां वीणा म. सा. ठाणा-5 के सानिध्य में जैन स्थानक सिविल लाइंस में ऐतिहासिक चातुर्मास जारी है। इस अवसर पर प्रवचन प्रभाविका साध्वी संचिता महाराज ने संक्रांति पाठ की महिमा से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि भगवान सूर्य आज सिंह राशि से कन्या राशि में प्रवेश कर गए है। इस माह को आश्विन मास के नाम से जाना जाता है। गर्मी के पश्चात अब सर्दियां का समय शुरू होगा। इस दौरान प्रवचन करते हुए संचिता जी म. ने कहा कि संत मुनि का अपना कोई घर नहीं होता। आश्चर्य की बात है कि जिसका अपना कोई पता नहीं होता। वहीं लोगों को उनकी जिदगी का असली मंजिल का पता बताते हैं। जिदगी के असली पते पर पहुंचने के लिए जीवन को व्यवस्थित बनाना बहुत जरूरी है। इसके लिए कुछ बाते है। जब आप 10 वर्ष के हो जाओ तो मां की उंगली पकड़कर चलना छोड़ दो। क्योंकि काफी वर्ष हो गए एक सहारे से चलते हुए पर अब तो स्वाबलंबी बनो। 20 वर्ष के हो जाओ तो खिलौने से, मोबाईल से खेलना छोड़ दो। क्योंकि खिलौनों से खेलना बचपन की निशानी है। पर आज कल तो क्या बच्चे हो या जवान व क्या बुजुर्ग हर कोई मोबाईल पर गेम्स खेलते दिखाई देते हैं। मोबाईल पर गेम्स इत्यादि खेलना आलस्य की निशानी है व समय की बर्बादी है।
इस अवसर पर चातुर्मास कमेटी चेयरमैन जितेंद्र जैन, सभाध्यक्ष अरिदमन जैन, सीनियर उपाध्यक्ष सुभाष जैन, विपन जैन, महामंत्री प्रमोद जैन, कोषाध्यक्ष रजनीश जैन गोल्ड स्टार, रविदर जैन भ्राता, विनोद जैन गोयम, मोती लाल जैन, विजय जैन, अनिल जैन बावा, संजय जैन, वैभव जैन आदि समस्त कार्यकारिणी सदस्यगण शामिल है।