लुधियाना में करवाया धार्मिक कार्यक्रम, प्रवचन करते हुए नरेश सोनी बोले- संस्कार सबसे उत्तम धन
लुधियाना में शुक्रवार को एक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान नरेश सोनी ने कहा कि दौलत शोहरत ताकत जवानी और सुंदरता यह पांच महारत्न होते हैं। पांचों में से एक भी किसी के पास आ जाए तो उस के गिरने का भय रहता है।
लुधियाना, जेएनएन। नरेश सोनी ने कहा कि दौलत, शोहरत, ताकत, जवानी और सुंदरता यह पांच महारत्न होते हैं। पांचों में से एक भी किसी के पास आ जाए तो उस के गिरने का भय रहता है। इस गिरने के भय से केवल संस्कार ही बचा सकतें है। संस्कार सब से उत्तम धन है। इस को प्राप्त करना चाहिए। जब व्यक्ति कुसंगत में, अड़चनों में या विपदा में घिर जाए तो एक संस्कार ही इसमें से बाहर निकालते है, संस्कार खरीदे नहीं जा सकते।
अच्छे संस्कार तो केवल मां बाप से ही मिल सकते हैं। जो मां बाप के शरणागत है, मां बाप के दिए उपदेशों का मनन चिंतन करता है, उनकी आज्ञा का पालन करता है, वही संस्कारी है। आज बच्चे वसीयत तो चाहते है पर नसीहत नहीं चाहते। एक नसीहत ही है जो हमें ऊंचाई की ओर ले जाती है। मां बाप सदा अपने बच्चे का हित ही चाहते है। हमें सत्संग और संत की शरण में जा कर अच्छे संस्कारों को ग्रहण करना है। जब हमारा मन सत्संग और राम नाम के जाप में लगने लगे तो समझ लो राम कृपा हो रही है। क्योंकि राम नाम की पूंजी सबसे बड़ी पूंजी है और अंत समय में यही साथ जाती है।
अगर हमारे पास अच्छे संस्कार नहीं है तो कोई हमारी ओर ध्यान नहीं देगा। अगर हम अपने अंदर अच्छे संस्कार विकसित कर लेंगे तो हमें मान सम्मान मिलेगा। मनुष्य के पास जीवन में सीमित समय है जो कि पल पल कम हो रहा है। इसलिए मनुष्य को इस समय को परोपकार में, सेवा में, प्रभु के सिमरण में लगाना चाहिए, क्योंकि अंत में केवल राम नाम ही सहारा देने वाला है।
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