लुधियाना की खन्ना अनाज मंडी में हल्की बारिश से किसान व आढ़तियों में मची अफरा-तफरी, तिरपालों से ढकी फसल
इस बार गेहूं की फसल के पकने से लेकर मंडी में पहुंचने तक मौसम किसानों पर लगभग मेहरबान ही रहा। मंडी में गेहूं की आमद और खरीद ने तेजी पकड़ी हुई है। बिकने के लिए आए और बिके हुए गेहूं के ढेर मंडी में लगे हैं।
खन्ना, सचिन आनंद। इस बार गेहूं की फसल के पकने से लेकर मंडी में पहुंचने तक मौसम किसानों पर लगभग मेहरबान ही रहा। मंडी में गेहूं की आमद और खरीद ने तेजी पकड़ी हुई है। बिकने के लिए आए और बिके हुए गेहूं के ढेर मंडी में लगे हैं। ऐसे में एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी खन्ना में मंगलवार सुबह की हल्की बरसात ने ही अफरा-तफरी मचा दी। हल्की बरसात के साथ हवा से मंडी में भगदड़ का माहौल बन गया। किसान, आढ़ती और मजदूर फसल को तिरपालों से ढकने के लिए भागते नजर आए।
हालांकि, बरसात के तेज नहीं होने के कारण फसल का ज्यादा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन फिर भी मौसम की बदली करवट से एक डर सबके मन में बैठ गया है। गौर हो कि कुछ दिनों पहले ही पंजाब के कई जिलों में भारी बारिश के साथ ओले पड़े थे। बारिश के कारण पंजाब के जिलों की अनाज मंडियों में पड़ी किसानों की फसल भी भीग गई थी और फसल के खराब होने का खतरा पैद हो गया था। मंगलवार को भी आसमान में बादल छाने के कारण किसान में भगदड़ मच और किसानों ने तरपालों से अपनी फसल को ढक लिया। हालांकि इस दौरान बारिश नहीं हुई, जिससे किसानों ने राहत की सांस ली।
लिफ्टिंग धीमी होना भी समस्या
खन्ना मंडी में बिके गेहूं की लिफ्टिंग की रफ्तार बेहद धीमी है। सोमवार शाम को ही 8.75 लाख गेहूं की बोरियां मंडी में लिफ्टिंग के इंतजार में थी। इसके अलावा बिकने आए गेहूं की ढेरियां अलग से हैं। मंडी में ज्यादातर बोरियां शेड्स के नीचे पड़ी है। इस वजह से बिकने आए गेहूं को खुले आसमान के नीचे रखना पड़ रहा है। मंडी में जगह की किल्लत की समस्या बढ़ती जा रही है।