ट्रेनों का परिचालन कम, पार्सल बुकिग बेदम

ट्रेनों का परिचालन कम होने से पार्सल विभाग बेदम हो चुका है। पिछले साल मार्च से लाकडाउन लगा और तभी से पार्सलों की बुकिंग लगातार घटती गई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 07:44 AM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 07:44 AM (IST)
ट्रेनों का परिचालन कम, पार्सल बुकिग बेदम
ट्रेनों का परिचालन कम, पार्सल बुकिग बेदम

डीएल डान, लुधियाना : ट्रेनों का परिचालन कम होने से पार्सल विभाग बेदम हो चुका है। पिछले साल मार्च से लाकडाउन लगा और तभी से पार्सलों की बुकिंग लगातार घटती गई। विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले साल 11 अप्रैल से 20 अप्रैल तक कोई बुकिग नहीं हुई। इस दौरान एक-दो ट्रेनें चलती भी रही, इसके बावजूद बुकिंग न मिलने से रेलवे को भी काफी नुकसान हुआ। इस तरह कुल मिलाकर देखा जाए तो साल 2020 से लेकर साल 2021 अब तक पार्सल बुकिग महज 10 फीसद पर ही सिमट गई है।

कोविड-19 के चलते आम आदमी पार्सल करवाने बहुत कम ही आ रहे हैं। पिछले एक साल के दौरान छोटे पार्सल या मोटरसाइकिल आदि की ही बुकिंग हुई है। बता दें कि कभी रेलवे स्टेशन लुधियाना पर 200 ट्रनों की आवागमन से रौनक हुआ करती थी और पार्सल के लिए लोग लाइन में खड़े होते थे, लेकिन इस समय महज 25 ट्रेनों का परिचालन होने से पार्सल भेजने का काम भी बेदम हो चुका है। पार्सल बुक करवाने वहीं लोग आते है, जिनका बेहद जरूरी काम हो। हालात ये हो गए हैं कि इन दिनों एक दिन में दो-चार पार्सल बुक करवाने ही लोग पहुंच रहे है। अधिकारी बताते है कि कई पार्सल ऐसे भी आए, जिन्हें ट्रेनें न चलने के कारण बुक नहीं किया गया। कोरोना वायरस के प्रकोप से ट्रेनों का परिचालन कम हुआ तो लोगों को मुश्किलें आ ही रही हैं, वहीं रेलवे को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

रेलवे को भारी नुकसान : पार्सल चीफ

पार्सल चीफ विजय सैनी बताते हैं कि पार्सल की बुकिग नहीं होने से जहां लोगों को अपना सामान एक जगह से दूसरी जगह भेजने में परेशानी आ रही है, वहीं रेलवे को भारी नुकसान हो रहा है। इसकी भरपाई होना मुश्किल है। जब तक रेलवे परिचालन सुचारू नहीं हो जाता, ये समस्या बनी रहेगी।

रेलवे को नुकसान, लोगों को परेशानी : डीआरएम

ट्रेनों के परिचालन और पार्सल के संबंध में फिरोजपुर रेल मंडल के डीआरएम राजेश अग्रवाल से बात करने पर उन्होंने कहा कि जबसे कोविड-19 का प्रकोप चल रहा है उससे रेलवे को नुकसान ही नुकसान है, जबकि लोग भी परेशानी में है। कोरोना का कहर कम होने पर ही इसमें सुधार हो सकता है।

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