प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन अभिभावकों को देगी राहत
हाईकोर्ट द्वारा प्राइवेट स्कूलों के पक्ष में दिए गए फैसले के बाद जगराओं प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के सदस्यों की अहम बैठक हुई।
संस, जगराओं : कोरोना महामारी के दौरान लगाए लॉकडाउन के कारण सभी शिक्षा संस्थान बंद हो गए थे। इस दौरान प्राइवेट स्कूलों और विद्यार्थियों के अभिभावकों को स्कूल फीस देने या न देने के संबंध में एक तरह तरह की दूरी बन गई थी। इसका लाभ उठाकर कुछ शरारती तत्व अपनी रोटियां सेकने में लगे हुए थे। यह मामला दोनों तरफ से ही हाईकोर्ट पहुंचा तो हाईकोर्ट द्वारा प्राइवेट स्कूलों के पक्ष में दिए गए फैसले के बाद जगराओं प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के सदस्यों की अहम बैठक हुई। इसमें कोर्ट के निर्देश अनुसार अभिभावकों को क्या राहत दी जा सकती है, इसका मंथन किया गया। वीरवार को प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन प्रधान प्रिंसिपल शशि जैन की अगुआई में स्वामी रूप चंद जैन स्कूल में कांफ्रेंस की गई।
प्रिंसिपल शशि जैन और सचिव विशाल जैन ने कहा कि कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार लॉकडाउन के समय सभी स्कूल मंथली फीस ले सकते हैं। वह बिना किसी बढ़ोतरी के पिछले वर्ष के अनुसार ही ली जाएगी, क्योंकि सभी स्कूलों के अध्यापकों तथा अन्य स्टाफ को वह वेतन उसी तरह दे रहे हैं। इसके साथ विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान न हो, उसके लिए सभी स्कूलों के अध्यापक रोजाना 10 से 12 घंटे तक ऑनलाइन पढ़ाई के लिए जुटे रहते हैं। इसके नतीजे सभी को आने वाले समय दौरान साफ नजर आएंगे।
इसके अलावा जो एनुअल चार्ज स्कूल री-एडमिशन के समय लेते थे, उनमें से लॉकडाउन के समय की 30 फीसद की छूट अभिभावकों को दी जाएगी। जो स्कूल पहले से ही मंथली फीस के साथ एनुअल चार्ज अलग से नहीं लेते थे। वह स्कूल ट्यूशन फीस का 12 फीसद माफ करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सभी स्कूलों को ट्रांसपोर्ट का खर्च जितना पढ़ता था, उससे वह आधा ही लेंगे। क्योंकि स्कूलों को लॉकडाउन के समय दौरान चार महीने के कार्यकाल में डीजल की बचत हुई है, जोकि कुल ट्रांसपोर्ट का 30 फीसद खर्च होता है। इस बात के मद्देनजर सभी स्कूल परिजनों को ट्रांसपोर्ट की 50 फीसद खर्च की छूट देंगे।
स्कूल और परिजनों के रिश्ते पवित्र
ब्लॉसम स्कूल की प्रिंसिपल अमरजीत कौर नाज ने कहा कि पिछले समय से स्कूलों के संबंध में कुछ लोगों ने माफिया जैसे बेहद शर्मनाक शब्द कहे, जोकि निदनीय हैं। उन्होंने सभी परिजनों को यह संदेश दिया की स्कूल और परिजनों के बीच पवित्र और मजबूत रिश्ता सदियों से है। इसे बरकरार रखना चाहिए। सभी स्कूल इस बात के लिए बाध्य हैं कि वह कोर्ट के निर्देशों के तहत तो जो सहूलियत प्रदान कर सकते हैं, वह करेंगे ही। इसके अलावा भी अगर कोई परिजन अधिक आर्थिक तंगी से जूझ रहा है या किसी तरह की मजबूरी में है तो वह सीधे तौर पर स्कूल में जाकर उसके प्रिंसिपल या मैनेजमेंट के साथ बात कर सकता है। उसकी पूरी बात सुनी जाएगी और जो अलग से सहायता प्रदान की जा सकती है, वह की जाएगी। बैठक में निजी स्कूलों के प्रिंसिपल मौजूद रहे।