लुधियाना के माछीवाड़ा से रहा है सरदूल सिकंदर का गहरा नाता, ‘युग-युग जीन भाभियां’.. गाने से हुए थे मशहूर

संजीव आनंद द्वारा लिखा गीत ‘इक चरखा गली विच डाह लिया’ और ‘युग-युग जीन भाभियां’ के अलावा कई गीतों को गायक सरदूल सिकंदर ने अपनी सुरीली आवाज के द्वारा पेश किए जो आज भी श्रोताओं में हरमन प्यारे हैं।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 10:41 AM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 12:44 PM (IST)
लुधियाना के माछीवाड़ा से रहा है सरदूल सिकंदर का गहरा नाता, ‘युग-युग जीन भाभियां’.. गाने से हुए थे मशहूर
गीतकार संजीव आनंद के साथ स्व. सरदूल सिकंदर की पुरानी तस्वीर। (फाइल फोटो)

श्री माछीवाड़ा साहिब, (लुधियाना) जेएनएन। पंजाबी गायक सरदूल सिकंदर का माछीवाड़ा साहिब से भी गहरा रिश्ता रहा है। यहां के गीतकार संजीव आनंद के 200 से अधिक लिखे गीत उन्होंने गाए, जिनमें से काफी हिट भी हुए। माछीवाड़ा के आनंद परिवार जिसमें प्रसिद्ध आढ़ती शक्ति आनंद और उनके भाई संजीव आनंद से स्व. सरदूल सिकंदर और उनकी पत्नी अमर नूरी के साथ पारिवारिक संबंध हैं, जोकि आज के नहीं, बल्कि पिछले 25 वर्ष से चले आ रहे हैं।

सुरों के सिकंदर और सुरीली आवाज के मालिक पंजाबी गायक सरदूल सिकंदर की खन्ना से उनके पैतृक गांव खेड़ी नोध सिंह तक वीरवार काे अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में उनके चाहने वाले शामिल हुए थे। गाड़ियों और पैदल लोगों के हुजूम ने कई किलोमीटर तक हाईवे को जाम कर दिया था।

संजीव आनंद द्वारा लिखा गीत ‘इक चरखा गली विच डाह लिया’ और ‘युग-युग जीन भाभियां’ के अलावा कई गीतों को गायक सरदूल सिकंदर ने अपनी सुरीली आवाज के द्वारा पेश किए, जो आज भी श्रोताओं में हरमन प्यारे हैं। यही नहीं इसके अलावा भी कई गाने लोगों ने बहुत सराहे थे।

सरदूल सिकंदर की आखिरी तस्वीर लेते पत्नी अमर नूरी।  (जागरण)

गीतकार संजीव आनंद और उनके भाई ने जताया शाेक

सरदूल सिकंदर के निधन पर माछीवाड़ा साहिब के गीतकार संजीव आनंद और उनके भाई शक्ति आनंद ने बड़े ही भावुक शब्दों में कहा कि जहां आज इस दुनिया ने एक महान गायक खो दिया वहीं, आनंद परिवार को भी न पूरा होने वाला घाटा पड़ा है। इसके अलावा माडल बावा वर्मा, डायरेक्टर गुरमुख दीप, कौंसलर परमजीत पम्मी, गायक हरप्रीत सिंह मांगट आदि ने भी सरदूल सिकंदर के अचानक देहांत पर दुख जताया।

पति की आखिरी तस्वीर खींची

सरदूल सिकंदर के आवास पर पत्नी अमर नूरी के आंसू रुक नहीं रहे थे। पति के अंतिम दर्शन के लिए बार-बार उठकर जा रही थीं। इस दौरान नूरी ने अपने मोबाइल फोन से आखिरी तस्वीर खींच कर अपने पास रखी।

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