Punjab Weather Update : पंजाब में सितंबर माह जमकर बरसा अंबर, 30 तक बारिश के आसार

Punjab Weather Update पंजाब में 30 सितंबर तक बारिश की संभावना है। मौसम विभाग की मानें तो लुधियाना में सितंबर में सामान्य से करीब तीन गुना बारिश हो चुकी है। सामान्यत बीस सितंबर से मानसून वापसी शुरू कर देता है लेकिन इस बार एक अक्टूबर के बाद का अनुमान है।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 09:53 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 09:53 AM (IST)
Punjab Weather Update : पंजाब में सितंबर माह जमकर बरसा अंबर, 30 तक बारिश के आसार
Punjab Weather Update पंजाब में 30 सितंबर तक बारिश की संभावना है।

जागरण संवाददाता, लुधियाना। Punjab Weather Update लुधियाना समेत राज्य के कई जिलों में वीरवार को तेज बारिश हुई। वीरवार तड़के से शुरू हुई बारिश दोपहर बाद तक जारी रही। शुक्रवार को भी आसमान में बादल छाए रहेंगे और कई जिलों में बारिश भी होगी। मौसम विभाग की मानें तो लुधियाना जिले में सितंबर माह में सामान्य से करीब तीन गुना बारिश हो चुकी है। यही नहीं 30 सितंबर तक रुक-रुक कर बारिश होने की संभावना है। सामान्यत: बीस सितंबर से मानसून वापसी शुरू कर देता है, लेकिन इस बार एक अक्टूबर के बाद मानसून की वापसी होने का अनुमान है।

मौसम विभाग के अनुसार सितंबर माह में सामान्यत 106 एमएम बारिश होती है जबकि इस बार 295.88 एमएम बारिश हो चुकी है। वीरवार को सबसे ज्यादा लुधियाना जिले में 96.4 एमएम बारिश हुई। इसके अलावा फरीदकोट में 98.4, पटियाला में 19 एमएम व फिरोजपुर में 0.5 एमएम बारिश हुई। इसके अलावा अन्य जिलों में भी बारिश हुई है। लुधियाना में अधिकतम व न्यूनतम तापमान में सिर्फ 0.6 डिग्री सेल्सियस रह गया।

लुधियाना में अधिकतम तापमान 24.0 व न्यूनतम तापमान 23.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। इसके अलावा अमृतसर में 28.5 व 22.2, बठिंडा में 27.8 व 23.0, फिरोजपुर में 29.7 व 24.4, पटियाला में 27.6 व न्यूनतम 24.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। इधर, जालंधर में वीरवार को शहर में सुबह छह से दोपहर 12 बजे तक मुसीबतों की बारिश हुई। जलजमाव से स्कूली बच्चों के साथ-साथ कामकाज पर जाने वाले लोगों का घरों से निकलना दूभर हो गया। बारिश से नेशनल हाईवे पर भी पानी जमा हो गया, जिससे हजारों वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। पीएयू की मौसम विशेषज्ञ डा. प्रभजोत कौर का कहना है कि किसानों को सुझाव दिया गया है कि खेतों में पानी खड़ा होने न दें अगर निकासी की व्यवस्था है तो पानी जरूर निकालें।

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