लुधियाना में बोले कर्मचारी- वेतन आयोग की सिफारिशें मंजूर नहीं, सरकार ने मांगें न मानी तो तेज करेंगे आंदोलन
यूनियन की कांफ्रेंस में चेयरमैन विकास जुनेजा वाइस चेयरमैन अमित अरोड़ा प्रधान रंजीत सिंह वर्किंग प्रधान संजीव भार्गव एवं महासचिव एपी माौर्य ने कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को अमल में नहीं लाया तो संघर्ष और तेज किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। पंजाब स्टेट मिनिस्टिरियल सर्विसेज यूनियन (लुधियाना) ने साफ कर दिया है कि मुलाजिमों को आधी-अधूरी वेतनआयोग की सिफारिशें कतई मंजूर नहीं है। सरकार वेतन आयोग की रिपोर्ट की समीक्षा करे और 2.59 के फार्मूले के साथ इसे लागू किया जाए। इसके अलावा मेडिकल भत्ता पांच साै रुपये से बढ़ा कर कम से कम दो हजार रुपये किया जाए। वापस लिए जा रहे अन्य भत्तों को भी बहाल रखा जाए।
यूनियन की कांफ्रेंस में चेयरमैन विकास जुनेजा, वाइस चेयरमैन अमित अरोड़ा, प्रधान रंजीत सिंह, वर्किंग प्रधान संजीव भार्गव एवं महासचिव एपी माौर्य ने कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को अमल में नहीं लाया तो संघर्ष और तेज किया जाएगा। यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार जिस वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार लाभ दे रही है, वह तसल्लीबख्श नहीं है। मुलाजिमों को 2.59 के फार्मूले की उम्मीद थी, लेकिन उन पर 2.25 का फार्मूला थोपा जा रहा है। इससे मुलाजिमों का बड़ा नुकसान होगा।
भत्ता बढ़ाए और पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करे सरकार
एक तरफ फार्मूले को कम किया जा रहा है तो दूसरी तरफ अन्य भत्तों को भी घटाया जा रहा है। नए वेतनआयोग में सिर्फ 17 फीसद डीए एवं 16 फीसद एचआरए की बात की जा रही है। इससे मुलाजिमों में रोष है, क्योंकि केंद्र का डीए 28 फीसद हो रहा है। इसके अलावा जनवरी, 2004 के बाद भर्ती होने वाले मुलाजिमों के लिए पुरानी पेंशन की मांग की जा रही है। इस अवसर पर तेजिंदर सिंह, धर्म सिंह, सुखपाल सिंह, राकेश कुमार, गुरमीत सिंह समेत कई सदस्य मौजूद रहे।
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