पढ़ाई में कमजोर बच्चों को स्कूल से बाहर निकालना पड़ेगा महंगा, जानें क्या होगी कार्रवाई

बच्चे को स्कूल से निकालने पर स्कूल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी और स्कूल की मान्यता भी रद्द की जा सकती है।

By Sat PaulEdited By: Publish:Mon, 21 Jan 2019 12:57 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jan 2019 01:51 PM (IST)
पढ़ाई में कमजोर बच्चों को स्कूल से बाहर निकालना पड़ेगा महंगा, जानें क्या होगी कार्रवाई
पढ़ाई में कमजोर बच्चों को स्कूल से बाहर निकालना पड़ेगा महंगा, जानें क्या होगी कार्रवाई

जेएनएन, जगराओं। पढ़ाई में कमजोर बच्चों को प्राइवेट स्कूल से निकालना अब शिक्षकों और स्कूल संचालकों को महंगा पड़ सकता है। बच्चे को स्कूल से निकालने पर स्कूल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी और स्कूल की मान्यता भी रद्द की जा सकती है।पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव कृष्ण कुमार ने जिला अधिकारियों के साथ हुई ऑनलाइन मीटिंग में इस संबंध में जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा बोर्ड इस तरह के कारनामे करने वाले स्कूलों पर नजर रखेगा।

शिक्षा बोर्ड के पास पहुंच रही शिकायतें

बता दें प्राइवेट स्कूलों में अकसर 10वीं और 12वीं में पढ़ाई में कमजोर बच्चों को बोर्ड परीक्षा से पहले परेशान किया जाता है। उन्हें दूसरे स्कूलों में दाखिला लेने या फिर प्राइवेट तौर पर परीक्षा देने के लिए बाध्य किया जाता है, जिससे अभिभावक खासे परेशान होते हैं। ऐसी कई शिकायतें पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के पास पहुंची हैं। इन पर चिंता व्यक्त करते हुए सचिव कृष्ण कुमार ने चेतावनी दी है।

पढ़ाई में कमजोर बताकर दा‍खिले से इन्कार नहीं किया जा सकता

मीटिंग में कृष्ण कुमार ने साफ तौर पर कहा कि एक बच्चा जो 9 साल तक प्राइवेट स्कूल में पढ़ा हो, उसे पढ़ाई में कमजोर बताकर 10वीं में दाखिला देने से इन्कार नहीं किया जा सकता। स्कूल ऐसा सिर्फ इसलिए करते हैं ताकि बोर्ड की परीक्षा में स्कूल का रिजल्ट खराब न हो, लेकिन इस बार शिक्षा विभागइस मुददे को गंभीरता से लेगा ताकि अभिभावकों व बच्चो को कोर्इं परेशानी न हो।

10वीं व 12वीं के बच्चों का पूरा रिकॉर्ड चेक करेगा बोर्ड

इस संबंध में सहायक डायरेक्टर पवन कुमार ने बताया कि शिक्षामंत्री ओपी सोनी के निर्देशानुसार पंजाब शिक्षा बोर्ड से मान्या प्राप्त सभी निजी स्कूलों के 10वीं और 12वीं के बच्चों का रिकॉर्ड चेक किया जाएगा। नजर रखी जाएगी कि सेशन की शुरुआत में कितने बच्चों ने दाखिला लिया। इसके बाद फाइनल परीक्षा से पहले बोर्ड को स्कूल की ओर से कितने बच्चों का दाखिला भेजा गया है। यदि रिकॉर्ड से छेड़छाड़ हुई या किसी बच्चे का नाम काटा, तो स्कूल पर तुरंत कारवाई की जाएगी। स्कूल क मान्यता रद्द करने की सिफारिश भी की जा सकती है।

शिकायत के लिए मोहाली दफ्तर में कंट्रोल रूम स्थापित

शिक्षा विभाग के प्रवक्ता राजिंदर सिंह चन्नी ने बताया कि ऐसे मामलों की शिकायत के लिए मुख्य दफ्तर मोहाली में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। इसके अलावा फोन नंबर 9464952698 पर वॉटसएप या मैसेज भेजकर या ई-मेल आइपीएवीस्कूलइंस्पेक्शनएटजीमेलडोटकाम पर मेल भेजकर भी शिकायत की जा सकती है। शिकायत मिलते ही कार्रवाई की जाएगी।

घटिया रिजल्ट की टेंशन से बचने के लिए परेशान करते हैं निजी स्कूल

शिक्षा बोर्ड को ऐसी शिकायतें मिली हैं जिसमें निजी व सरकारी मान्यता प्राप्त स्कूल पढ़ाई में कमजोर बच्चों को अपने स्कूल में वार्षिक परीक्षाओं में अपीयर करवाने से बचते हैं। वे ऐसा इसलिए करते हैं, ताकि स्कूल में बोर्ड परीक्षा का वार्षिक रिजल्ट खराब न हो। ऐसे में वे बोर्ड का दाखिला भेजने से पहले ऐसे बच्चों को स्कूल छोडऩे और प्राइवेट तौर पर परीक्षा देने को बाध्य करते हैं। इसके लिए वे उनके अभिभावकों पर तरह-तरह के दबाव बनाते हैं।

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