पांचवीं कक्षा का सिलेबस कम करना भूला पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड, अब विद्यार्थियों को पूरे सिलेबस की करनी होगी तैयारी

पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड पांचवीं कक्षा का सिलेबस कम करना भूल गया है। अफसरों की लापरवाही का खामियाजा अब 1.5 लाख के करीब बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। परीक्षा के लिए थोड़े दिन रह गए हैं ऐसे में अब सिलेबस कम करना संभव नहीं है।

By Vinay kumarEdited By: Publish:Sat, 20 Feb 2021 02:10 PM (IST) Updated:Sat, 20 Feb 2021 02:10 PM (IST)
पांचवीं कक्षा का सिलेबस कम करना भूला पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड, अब विद्यार्थियों को पूरे सिलेबस की करनी होगी तैयारी
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के अधिकारी पांचवीं कक्षा का सिलेबस कम करना भूल गए हैं।

लुधियाना [राजेश भट्ट]। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के अफसरों की लापरवाही का खामियाजा पंजाब के 1.5 लाख के करीब बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। पंजाब सरकार ने कोरोना संक्रमण के कारण सभी कक्षाओं का सिलेबस कम करने का फैसला किया और पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड को सभी कक्षाओं के सिलेबस में कटौती करने के निर्देश दिए। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने छठीं से बारहवीं कक्षा का सिलेबस कम करके इसकी सूचना स्कूल संचालकों को दे दी।

आठवीं, दसवीं व बारहवीं कक्षा का सिलेबस 30 फीसद कम कर दिया ताकि बच्चे बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी अच्छे से कर सकें। लेकिन इस सब के बीच पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के अफसर पांचवीं कक्षा का सिलेबस कम करना भूल गए। ऐसे में पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षाओं के लिए पूरे सिलेबस में से तैयारी करनी होगी। निजी स्कूल संचालकों ने इस संबंध में बोर्ड के चेयरमैन को पत्र लिखकर भी कहा है कि पांचवीं कक्षा का सिलेबस कम किया जाए लेकिन बोर्ड की तरफ से अब यह कहा गया है कि परीक्षा के लिए थोड़े दिन रह गए हैं ऐसे में अब सिलेबस को कम करना संभव नहीं है।

स्कूल संघ पंजाब के महासचिव भुवनेश ने बताया कि बड़ी कक्षाओं का सिलेबस कम कर दिया गया है लेकिन पांचवीं कक्षा का सिलेबस कम नहीं किया गया। जिसकी वजह से पांचवीं कक्षा के बच्चों पर अतिरिक्त बोझ कम नहीं हो सका। उन्होंने बताया कि उनके संगठन ने बोर्ड के चेयरमैन से मांग की थी कि पांचवीं कक्षा की परीक्षाएं जल्दी शुरू हो रही है और उनका स्कूल सबसे देर में खुला है। ऐसे में पांचवीं कक्षा के सिलेबस में 50 फीसद कटौती की जाए। लेकिन बोर्ड ने यह कटौती करने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि इतने कम समय में पूरे सिलेबस की तैयारी करना बच्चों के लिए मुश्किल हो सकता है।

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