Punjab Investor Summit: सरकार का बड़े उद्याेगाें पर फाेकस, वेंटीलेटर पर पंजाब की एमएसमई इंडस्ट्री; जानें कारण

Punjab Investor Summit आल इंडस्ट्री एवं ट्रेड फोरम के प्रधान बदीश जिन्दल के मुताबिक सरकार और अधिकारी धीरे धीरे पंजाब में सूक्ष्म उद्याेगों को बंद करने के लिए प्रयासरत है। नए और बड़े उद्याेगों को सहूिलयतें देने की बात तो की जा रही है।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 08:34 AM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 08:34 AM (IST)
Punjab Investor Summit: सरकार का बड़े उद्याेगाें पर फाेकस, वेंटीलेटर पर पंजाब की एमएसमई इंडस्ट्री; जानें कारण
लुधियाना में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के पहुंचने पर सुरक्षाकर्मी वाहनों को चेक करते हुए। फोटो कुलदीप काला

लुधियाना, [मुनीश शर्मा] Punjab Investor Summit: इन्वेस्टर पंजाब में छोटे उद्याेगों की अनदेखी से पंजाब की एमएसएमई इंडस्ट्री सकते में हैं। उद्याेगपतियों का कहना है कि प्रदेश में 99 प्रतिशत सूक्ष्म एवं लघु उद्याेग है, जिनकी तरफ सरकार ने कभी ध्यान नहीं दिया। सरकार का एक मात्र फोकस केवल बड़ी इंडस्ट्री पर ही है। यहां तक कि इन्वेस्टमेंट पालिसी के अंतर्गत अच्छी परफार्मेंस दिखाने वाले लघु उद्याेगों को प्रति वर्ष 3 लाख का पुरस्कार देने की बात लिखी गई थी। लेकिन 2019 में केवल एक बार पुरस्कार देने के बाद सरकार ने इस स्कीम को ही भूल गई।

इसके साथ ही नई इनोवेशन करने वाले लघु उद्याेगों और स्टार्टअप्स को इन्वेस्टर पंजाब समिट के दौरान एग्जीबिशन में हिस्सा देने का मौका देने की बात कही गई थी। लेकिन यह सुविधा भी इस बार नदारद है। पंजाब के सूक्ष्य उद्याेग पहले ही हाशिये पर है और कोविड के दौरान हजारों यूनिट्स के बंद होने की भी सूचना है। ऐसे में सरकार का इस क्षेत्र को अनदेखी कर मात्र बड़े उद्याेगों को ही प्रोत्साहित करना पंजाब की आर्थिक स्थिति के नुकसान पहुंचा सकता है।

आल इंडस्ट्री एवं ट्रेड फोरम के प्रधान बदीश जिन्दल के मुताबिक सरकार और अधिकारी धीरे धीरे पंजाब में सूक्ष्म उद्याेगों को बंद करने के लिए प्रयासरत है। नए और बड़े उद्याेगों को सहूिलयतें देने की बात तो की जा रही है। लेकिन बंद हो रहे सूक्षम उद्याेगों को बचाने के कोई प्रयास नहीं किए जा रहे। इसका एक उदाहरण यह भी है कि पंजाब में दी जाने वाली 2100 करोड़ की सबसिडी में 6500 बड़े उद्याेगों को 1700 करोड़ रुपये का लाभ मिल रहा है। जबकि 97000 छोटे उद्याेगों को मात्र 142 करोड़ का लाभ हो रहा है।

इसी तरह प्रति लार्ज उधोग 19 लाख रुपये की सहायता सरकार से ले रहा है। जबकि छोटे उद्याेगों को मात्र 14 हजार रुपये सलाना का ही लाभ मिल रहा है। फास्टनर सप्लायर्स एसोसिएशन के प्रधान राजकुमार सिंगला ने सरकार पर आरोप लगाते हुुए कहा कि आज पंजाब में बेरोजगारी की औसत राष्ट्रीय औसत से भी अधिक है। जिसके लिए मुख्य वजह राज्य में लघु उद्याेगों का बंद होना है।

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