लुधियाना में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स ने श्रम कानूनों में बदलाव को लेकर किया विरोध प्रदर्शन

मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स ने कहा कि संगठित क्षेत्र के 10% मजदूरों के पास ही अब यूनियन बनाने का अधिकार बचा है। इसे भी मौजूदा सरकार खत्म करने जा रही है। हड़ताल करने के अधिकार को और कमजोर किया गया है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 05:53 PM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 05:53 PM (IST)
लुधियाना में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स ने श्रम कानूनों में बदलाव को लेकर किया विरोध प्रदर्शन
लुधियाना में पंजाब मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा, नए श्रम कानूनों से मजदूरों का शोषण बढ़ेगा।

लुधियाना, जेएनएन। केंद्र सरकार की ओर से श्रम कानूनों में बदलाव के विरोध में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स कि सबसे बड़ी यूनियन पंजाब मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन की लुधियाना यूनिट रविवार को विरोध प्रदर्शन किया। इससे पहले एसोसिएशन की एक मीटिंग प्रधान संजीव शर्मा की अध्यक्षता में हुई। इसमें संजीव ने कहा कि केंद्र सरकार इंडस्ट्रियल रिलेशन एक्ट जैसे नए कानून लेकर आई है, वह मजदूरों की जिंदगी को और ज्यादा शोषण कि तरफ लेकर जाएंगे। उन्होंने कहा कि कुल मजदूरों में से संगठित क्षेत्र के 10% मजदूरों के पास ही अब यूनियन या श्रम कानून का सहारा बचा है। इसे भी मौजूदा सरकार खत्म करने जा रही है। हड़ताल करने के अधिकार को और कमजोर किया गया है।

पहले 100 श्रमिकों वाली कंपनी को कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के लिए सरकार से मंजूरी लेनी पड़ती थी, इसे अब 300 कर दिया गया है। निश्चित तौर पर इसे आने वाले समय में और बढ़ाया जाएगा। मौजूदा स्थिति में किसी मजदूर को कानूनी कार्रवाई के द्वारा न्याय लेने में बीस-बीस साल लग जाते हैं। नए कानूनों से मजदूरों के जीवन में अनिश्चितताएं और चिंताएं और बढ़ेंगी।

लुधियाना यूनिट के सेक्रेटरी मनदीप वांडर ने कहा कि हम पंजाब सरकार से अपील करते हैं कि वह नए कानूनों को राज्य में लागू ना करें। सभी मिलकर इन मजदूर विरोधी कानूनों का विरोध करें। इस मुद्दे पर सभी मजदूर यूनियनें राज्य सरकार के साथ हैं।

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