पंजाब की मनदीप की संघर्षगाथा: टैक्सी चलाई, इसी से की पढ़ाई, न्यूजीलैंड में बनी पहली भारतीय महिला पुलिसकर्मी

पंजाब के मानसा जिले की रहने वाली मनदीप का संघर्ष प्रेरणा देने वाला है। मनदीप ने न्यूजीलैंड में पेट्रोल पंप पर काम किया और टैक्सी भी चलाई। इसी कमाई से पढ़ाई की और फिर न्यूजीलैंड में पहली भारतीय महिला पुलिसकर्मी बनी।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 10 Jan 2021 11:37 AM (IST) Updated:Sun, 10 Jan 2021 11:37 AM (IST)
पंजाब की मनदीप की संघर्षगाथा: टैक्सी चलाई, इसी से की पढ़ाई, न्यूजीलैंड में बनी पहली भारतीय महिला पुलिसकर्मी
पंजाब की मनदीप कौर, जो न्यूजीलैंड में पहली भारतीय महिला पुलिसकर्मी हैं।

बठिंडा [गुरप्रेम लहरी]। पंजाब के सर्वाधिक पिछड़े जिलों में शुमार मानसा के युवाओं के लिए विदेश जाना किसी सपने से कम नहीं है, लेकिन इसी जिले की एक महिला ने न केवल विदेश जाने की अपनी इच्छा को पूरा किया, बल्कि अपना सपना भी साकार किया। गांव कमालू की रहने वाली मनदीप कौर सिद्धू ने न्यूजीलैंड पुलिस में भर्ती होने वाली पहली भारतीय बनकर देश व पंजाब का मान बढ़ाया।

गांव से चंडीगढ़ शिफ्ट होने के बाद उनकी शादी हुई और बच्चे हुए, लेकिन किसी वजह से इनकी जिम्मेदारी अकेले दम पर उठानी पड़ी। इसके बाद 1996 में वे आस्ट्रेलिया चली गईं। आस्ट्रेलिया में मनदीप ने पढ़ाई की और बाद में न्यूजीलैंड शिफ्ट हो गईं। न्यूजीलैंड में मनदीप ने पहले पेट्रोल पंप पर काम करना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने टैक्सी चलाना शुरू की।

टैक्सी चलाने से उनको अच्छी कमाई होने लगी। एक दिन वह अपनी टैक्सी लेकर एयरपोर्ट के बाहर खड़ी थीं। वहां उनकी मुलाकात एक मनोविज्ञानी से हुई। उन्होंने मनदीप की टैक्सी हायर की। रास्ते में बातचीत शुरू हुई तो मनदीप ने उनसे पूछा कि जिदंगी में खुश कैसे रहा जा सकता है। तब मनोविज्ञानी ने कहा कि जो भी मन की ख्वाहिश हो, उसको पूरा करना चाहिए। यही खुश रहने का मूलमंत्र है।

मनदीप को याद आई कि मां अकसर कहती थी कि तुम्हें फौज या पुलिस में भर्ती होना चाहिए था। मां जब भी उनको कहती तो उनका बहुत दिल करता था कि वह पुलिस या सेना में जाए, लेकिन वह भर्ती नहीं हो पाई। इसके बाद वह विदेश में चली गईं। उन्होंने न्यूजीलैंड पुलिस में भर्ती होने के लिए प्रयास शुरू किया। इसके लिए पढ़ाई के साथ-साथ खुद को फिजिकली फिट रखने के लिए कड़ी मेहनत भी की। इसके बाद 2004 में पुलिस का टेस्ट दिया और जब रिजल्ट आया तो उनका सलेक्शन हो गया।

मनदीप का कहना है कि उन्हेंं कुछ क्षण के लिए विश्वास नहीं हुआ कि उन्होंने इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। उन्हेंं मालूम नहीं था कि वे ऐसा करने वाली देश की पहली महिला हैं। उन्होंने ने सिर्फ देश का गौरव बढ़ाया बल्कि बेटियों के लिए प्रेरणास्रोत भी बनीं।

भंगड़ा ग्रुप भी बनाया

मनदीप सिंह को न्यूजीलैंड पुलिस में अच्छे काम के बल पर तरक्की मिलती रही। अब वे एथनिक लाइजन अफसर बन गई हैं। उन्हेंं परिवारों के विवाद सुलझाने का जिम्मा दिया गया है। उन्होंने पुलिस में एक भंगड़ा ग्रुप भी बनाया है। इसमें अपना विवाद लेकर पहुंचे लोगों को भी शामिल किया जाता है। हल्के फुल्के अंदाज में उनके मनमुटाव दूर करने का प्रयास किया जाता है। कई प्रकार की खेल भी इसमें शामिल हैं।

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