लुधियाना की सड़कों पर जुराबें बेचने वाले वंश को मिला कैप्टन का सहारा, पढ़ाई का खर्च उठाएगी पंजाब सरकार

पंजाब के लुधियाना में सड़कों पर जुराबें बेचने वाले 10 साल के वंश को सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह का सहारा मिल गया है। बच्‍चे के स्‍वाभिमान ने सीएम को प्रभावित किया और अब उसकी पढ़ाई का खर्च पंजाब सरकार उठाएगी। बच्चे का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ था।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 07:49 AM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 10:18 PM (IST)
लुधियाना की सड़कों पर जुराबें बेचने वाले वंश को मिला कैप्टन का सहारा, पढ़ाई का खर्च उठाएगी पंजाब सरकार
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की फाइल फोटो।

लुधियाना, जेएनएन। शहर की सड़कों पर अब 10 वर्षीय वंश पिता के साथ जुराबें नहीं बेचेगा। दूसरे बच्चों के साथ वह भी स्कूल जाएगा और पढ़ाई करेगा। उसकी पढ़ाई का सारा खर्च पंजाब सरकार उठाएगी। यह ऐलान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को किया है। यही नहीं सरकार की तरफ से वंश के गरीब परिवार को दो लाख रुपये की आर्थिक मदद भी दी जाएगी।

कुछ दिन पहले बच्चे वंश की एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई थी जिसमें वह परिवार की आर्थिक मदद के लिए सड़क किनारे जुराब बेच रहा था। इस वीडियो में वह एक कार चालक को 50 रुपये से कम में जुराब बेचने से इंकार कर देता है। यह वीडियो इतनी वायरल हुई कि सूूबे के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह तक पहुंच गई। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने इस बच्चे और परिवार से वीडियो काल पर बात की। कैप्टन ने कहा कि उन्हें वंश के स्वाभिमान ने प्रभावित किया है।

Spoke on phone to young Vansh Singh, aged 10, a Class II dropout who’s video I saw selling socks at traffic crossing in Ludhiana. Have asked the DC to ensure he rejoins his school. Also announced an immediate financial assistance of Rs 2 lakhs to his family. pic.twitter.com/pnTdnftCDo

— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) May 8, 2021

इस बच्चे की वीडियो को बड़ी संख्या में लोगों ने इंटरनेट मीडिया पर देखा है और इसके स्वाभिमान की तारीफ कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने लुधियाना के डीसी वरिंदर शर्मा को आदेश दिए हैं कि आर्थिक तंगी के कारण वंश ने स्कूल छोड़ दिया था, उसे फिर से स्कूल भेजा जाए। उसकी शिक्षा का पूरा खर्च पंजाब सरकार उठाएगी।

पिता भी बेचते हैं जुराब

वंश के पिता परमजीत सिंह भी जुराब बेचने का काम करते हैं। आर्थिक तंगी के कारण बच्चा स्कूल छोड़कर पिता की तरह सड़क किनारे जुराब बेचने लगा। उसकी मां रानी गृहणी है। वंश की तीन बहनें और एक बड़ा भाई है। यह परिवार लुधियाना के हैबोवाल इलाके में किराये के मकान में रहता है। मुख्यमंत्री की ओर से मदद मिलने और पढ़ाई का खर्च उठाने की इलाके में चर्चा है।

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