पंजाब सरकार में नंबर दो की फीलिंग मनप्रीत को, कार्यक्रम में मिली सफेद तौलिये वाली खास कुर्सी

लुधियाना में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुड्ढा दरिया के प्रोजेक्ट का उद्घाटन करने लुधियाना आना था लेकिन वे आ नहीं सके और उन्होंने मनप्रीत बादल प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ व अन्य दो मंत्रियों को भेज दिया। वित्त मंत्री कैप्टन के हेलीकाप्टर में पहुंचे।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 10:31 AM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 01:57 PM (IST)
पंजाब सरकार में नंबर दो की फीलिंग मनप्रीत को, कार्यक्रम में मिली सफेद तौलिये वाली खास कुर्सी
वित्त मंत्री मनप्रीत बादल को सफेद तौलिये वाली प्रमुख कुर्सी पर बिठाया गया, जबकि अन्य मंत्री उनके साथ बैठे।

लुधियाना, [भूपेंदर सिंह भाटिया]। भले ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के उत्तराधिकारी के रूप में कई नाम अक्सर चर्चा में रहते हैं, लेकिन सरकार में नंबर दो की फीलिंग तो वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ही ले रहे हैं। ऐसा ही कुछ वाक्या बीते दिनों लुधियाना में देखने को मिला। हाल ही में मुख्यमंत्री ने बुड्ढा दरिया के प्रोजेक्ट का उद्घाटन करने लुधियाना आना था, लेकिन वे आ नहीं सके और उन्होंने मनप्रीत बादल, प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ व अन्य दो मंत्रियों को भेज दिया। हालांकि यहां मुख्यमंत्री के प्रोटोकाल की फीलिंग मनप्रीत को ही मिली। कैप्टन के हेलीकाप्टर में पहुंचे वित्त मंत्री के काफिले में एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड तक शामिल रही। यहीं नहीं कार्यक्रम में सफेद तौलिये वाली प्रमुख कुर्सी पर भी मनप्रीत बादल को ही बिठाया गया, जबकि अन्य मंत्री और प्रदेश प्रधान साथ बैठे। इस समारोह के बाद यही चर्चा रही कि सरकार में नंबर दो की फीलिंग मनप्रीत को ही मिली।

वित्त मंत्री ने फिर लगाया मस्का

पंजाब के वित्त मंत्री भले ही स्टेट इंडस्ट्रीज के लिए कुछ दे पाए या नहीं, लेकिन उन्हें मस्का जरूर लगा देते हैं। पिछले दिनों मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के स्थान पर एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री मनप्रीत बादल पहुंचे। अंतिम समय में कैप्टन के न आने से उद्यमी खुद को ठगा महसूस कर रहे थे। अब कार्यक्रम में पहुंच गए तो वित्त मंत्री ने अपने भाषण में उद्यमियों को पंजाब का दाता बना दिया। उद्यमियों को उन्होंने अपना रहबर बताते हुए कहा कि आप ही पंजाब की जान हो। आपके ऊपर ही राज्य की आर्थिक हालत डिपेंड है। इस समय आप ही पंजाब को राह दिखा सकते हो। अब भला वित्त मंत्री आए थे तो कुछ बड़े उद्यमियों ने भी उनकी शान में कसीदे पढ़ने शुरू कर दिए। उनका कहना था कि वित्त मंत्री की दूर की सोच से ही पंजाब आगे बढ़ सकता है, लेकिन कार्यक्रम में उन्हें सरकार से कुछ नहीं मिला।

पहले मांगी सुरक्षा, अब वैक्सीनेशन से भागे

अपने देश में कई बार कुछ अनोखा ही हो जाता है। कोरोना महामारी के दौरान हेल्थ वर्करों ने सुरक्षा की मांग करते हुए धरना दिया। खासकर आशा वर्करों ने तो काम के दौरान सुरक्षा उपकरण न मिलने पर प्रदर्शन किया। बहरहाल, उनके लिए स्वास्थ विभाग की ओर से सुरक्षा इंतजाम किए गए। अब जब देश में कोरोना से लड़ने के लिए वैक्सीन आ गई तो विभाग ने सबसे पहले फ्रंट लाइन वर्करों को तवज्जो देने का फैसला किया, क्योंकि वह जनता के बीच काम करते हैं। उन पर कोरोना संक्रमण का ज्यादा खतरा होता है। इसी बीच आशा वर्करों को किसी ने वैक्सीन से होने वाले नुकसान गिना दिए और उनकी एसोसिएशन ने मीटिंग कर घोषणा कर दी कि वह वैक्सीनेशन नहीं करवाएंगे। स्वास्थ विभाग के अलावा निजी अस्पतालों के डाक्टरों ने पहले खुद टीका लगवाकर उन्हें यह यकीन दिलाया कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। अफवाहों में नहीं फंसें।

लुधियाना से बेरुखी या कुछ और

भले ही लुधियाना को प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहा जाता है, लेकिन यहां के लोगों को अक्सर मलाल रहता है कि मुख्यमंत्री उनके शहर में बहुत कम आते हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद कैप्टन पिछले चार सालों में मात्र चार-पांच बार ही लुधियाना आए हैं।। ऐसा नहीं है कि उनका कार्यक्रम नहीं बना, लेकिन किसी न किसी कारण से अंतिम समय में उनका आना कैंसिल हो गया। हाल ही में कार्यक्रम के दिन तक कैप्टन के आने की सूचना थी, लेकिन अंतिम समय में न आने से सारी तैयारियां धरी की धरी रह गई। इससे पहले 2018 में मुख्यमंत्री ने ग्यासपुरा के सरकारी प्राइमरी स्कूल के नए विंग का उद्घाटन करने आना था, तब भी उनकी खराब तबीयत के कारण दौरा रद हो गया था। मुख्यमंत्री के आगमन की आहट से उद्यमी भी आशान्वित हो जाते हैं कि कैप्टन आएंगे तो कुछ देकर जाएंगे, लेकिन उनके न आने से वे निराश हो जाते हैं।

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