पटियाला-सरहिंद रोड पर किसानों ने सीएम के सलाहकार भरत इंद्र चाहल को घेरा, बारदाना न मिलने पर फूटा गुस्सा
क्रांतिकारी किसान यूनियन की अगुआई में किसानों ने रुड़की के पास पटियाला-सरहिंद रोड पर धरना लगाया था। पटियाला से चाहल सरहिंद की तरफ अपनी गाड़ी में आ रहे थे। जैसे ही किसानों ने देखा उन्होंने काफिला रोकते हुए उनकी गाड़ी की घेराबंदी कर दी।
फतेहगढ़ साहिब, जेएनएन। पंजाब की मंडियों में बारदाने की समस्या गंभीर होती जा रही है। किसानों के गुस्सा अब सियासतदानों पर निकलना शुरू हो गया है। वीरवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के सलाहकार भरत इंद्र सिंह चाहल को किसानों के रोष का सामना करना पड़ा। पटियाला से सरहिंद आ रहे चाहल की गाड़ी को रुड़की के पास धरना दे रहे किसानों ने घेर लिया। पुलिस व सिविल प्रशासन अधिकारियों के भरोसे पर भी किसानों ने चाहल को जाने नहीं दिया। अभी तक चाहल वहीं पर फंसे हुए थे।
जानकारी के अनुसार सरहिंद की मंडियों में बारदाने की कमी को लेकर क्रांतिकारी किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष हरनेक सिंह भलमाजरा की अगुआई में कई गांवों के किसानों ने रुड़की के पास पटियाला-सरहिंद रोड पर धरना लगाया था। इस दौरान पटियाला से चाहल सरहिंद की तरफ अपनी गाड़ी में आ रहे थे। जैसे ही किसानों ने देखा कि चाहल आ रहे हैं तो उन्होंने गाड़ियों का काफिला रोकते हुए उनकी गाड़ी की घेराबंदी कर दी। किसानों के गुस्से को देखते हुए चाहल गाड़ी से नीचे नहीं उतरे और गाड़ी लाक रखी।
सूचना मिलने पर डीएसपी मनजीत सिंह, एसडीएम डॉ. संजीव कुमार समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंचे। इन अधिकारियों ने किसानों को भरोसा दिलाया कि बारदाना जल्द मंडियों में आ रहा है। चाहल को जाने दिया जाए लेकिन किसान नहीं माने और चाहल के सामने ही पंजाब सरकार खिलाफ नारेबाजी जारी रखी। पुलिस फोर्स के आने पर चाहल खुद भी गाड़ी से बाहर आ गए और किसानों को भरोसा दिलाया कि उनकी हर समस्या हल होगी। बावजूद इसके किसान इस मांग पर अड़े हुए हैं कि जब तक पर्याप्त बारदाना नहीं आता वे किसी को जाने नहीं देंगे।
किसान नेता भलमाजरा बोले- मजबूरी में देना पड़ रहा धरना
किसान नेता भलमाजरा ने कहा कि जिले में अगर किसी मंडी में बारदाने की कमी होती है तो वहां धरना प्रदर्शन के बाद बारदाना पहुंच जाता है। सरहिंद की मंडियों में कई दिनों से बारदाने की कमी को पूरा नहीं किया जा रहा था। इस कारण मजबूरन उन्हें धरना देना पड़ा और धरने के दौरान सीएम के सलाहकार को घेरना पड़ा। अगर आने वाले दिनों में भी किसानों को कोई समस्या आई तो वे दूर सीएम की कोठी का घेराव भी कर सकते हैं।
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