Navjot Sidhu ने शहीद ऊधम सिंह को दी श्रद्धांजलि, कहा- पंजाबियों में अलख जगाती है फतेहगढ़ साहिब की धरती

नवनियुक्त पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पहली बार शहीदों की धरती फतेहगढ़ साहिब पहुंचे। वे यहां शहीद ऊधम सिंह को उनके शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि देने आए थे। यहां रोजा शरीफ के पास ऊधम सिंह की कुछ अस्थियां दफनाई गई थीं।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 12:41 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 12:41 PM (IST)
Navjot Sidhu ने शहीद ऊधम सिंह को दी श्रद्धांजलि, कहा- पंजाबियों में अलख जगाती है फतेहगढ़ साहिब की धरती
फतेहगढ़ साहिब में शहीद ऊधम सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत ,सिंह सिद्धू। जागरण

धरमिंदर सिंह, फतेहगढ़ साहिब। पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष बनने के बाद नवजोत सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) पहली बार शहीदों की धरती फतेहगढ़ साहिब पहुंचे। वे यहां शहीद ऊधम सिंह को उनके शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि देने आए थे। यहां रोजा शरीफ के पास ऊधम सिंह की कुछ अस्थियां दफनाई गई थीं। इसके बाद वे रोजा शरीफ, गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब, माता नैना देवी मंदिर और माता श्री चक्रेश्वरी मंदिर नतमस्तक हुए।

इस मौके पर नवजोत सिंह सिधू ने कहा कि फतेहगढ़ साहिब की धरती पंजाबियों में अलख जगाती है। इससे बड़ी और प्रेरणास्रोत शहादत कहीं देखने को नहीं मिलती। जलियाँ वाला बाग में हुए साके का बदला लेकर ऊधम सिंह ने पूरी दुनिया में कौम का सिर ऊंचा किया। इस धरती से संदेश मिलता है कि सभी धर्म एक हैं। यह विचारधारा हमें रोशनी देती है। हमें कोई अलग अलग नहीं कर सकता। सिधू ने कहा कि यह उनके लिए हर ताकत की जड़ है। 

शहीद ऊधम सिंह ने जलियांवाला बाग नरसंहार का बदला लेने के लिए लंदन में माइकल ओ डायर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। कहते हैं उनकी अंतिम इच्छा अनुसार उनकी अस्थियां पवित्र रोजा शरीफ में लाकर दफाई गईं थी। यहीं पर उनका शहीदी स्मारक बनाया गया है, जिस पर साल 31 जुलाई को उनके बलिदान दिवस पर लोग उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं।

जाति समीकरण पर ध्यान, सभी तीर्थ स्थलों पर गए

सिधू ने अपने फतेहगढ़ साहिब दौरे के दौरान जाति समीकरण का पूरा ध्यान रखा। वे शहीद ऊधम सिंह स्मारक के पास मुस्लिमों का मिनी मक्का मदीना माने जाते रोजा शरीफ में नतमस्तक हुए। इसके बाद छोटे साहिबजादों और माता गुजरी जी की शहादत को सिर झुकाने गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब पहुंचे। यहां संगत में बैठकर लंगर छका। इसके बाद शहर के प्राचीन माता नैना देवी मंदिर गए। जैन समुदाय के तीर्थ स्थल माता श्री चक्रेश्वरी मंदिर में भी माथा टेका।

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