कोरोना व महंगाई से फीका पड़ा लड्डू का स्वाद; पंजाब में हलवाइयों की बिक्री 40 प्रतिशत तक गिरी

पंजाब के हलवाई शादी के सीजन के बावजूद खाली हाथ बैठे हैं। कोरोना और महंगाई के कारण उनके कारोबार पर दोहरी मार पड़ी है। बिक्री 40 फीसद तक गिर गई है। कच्चे माल की कीमत में बढ़ोतरी उन्हें दाम बढ़ाने को मजबूर कर रही है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 10:47 AM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 10:47 AM (IST)
कोरोना व महंगाई से फीका पड़ा लड्डू का स्वाद; पंजाब में हलवाइयों की बिक्री 40 प्रतिशत तक गिरी
पंजाब के हलवाई इन दिनों शादियों के सीजन के बावजूद खाली हाथ बैठे हैं।

लुधियाना [मुनीश शर्मा]। कोविड के बढ़ते प्रकोप के साथ महंगाई की बढ़ती मार से हलवाइयों के लिए अब कारोबार कर पाना बेहद मुश्किल हो गया है। पंजाब के हलवाई इन दिनों शादियों के सीजन के बावजूद खाली हाथ बैठे हैं। कोरोना और महंगाई के कारण उनके कारोबार पर दोहरी मार पड़ी है। बिक्री 40 फीसद तक गिर गई है। ग्राहक कम होने के कारण वे दाम नहीं बढ़ाना चाहते लेकिन कच्चे माल की कीमत में बढ़ोतरी उन्हें ऐसा करने को मजबूर कर रही है।

पंजाब हलवाई एसोसिएशन के प्रधान नरिंदर पाल सिंह के मुताबिक केंद्र और प्रदेश सरकार केवल कुछ सेक्टर तक सीमित रहकर काम कर रही है। हलवाई और खाद्य पदार्थ से संबंधित कारोबार के बारे में भी सरकार को सोचना चाहिए। शादियों में बारातियों की सीमा कम करने से पहले ही मंदी से गुजर रहे कारोबार की रफ्तार और  धीमी हो गई है। अब लगातार खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल होने वाली चीजें का दाम में भी लगातार इजाफा हो रहा है।  अगर यही हालात रहे तो उनके लिए उत्पादन जारी रखना मुश्किल हो जाएगा। अभी ग्राहक कम होने के काकरण दाम भी नहीं बढ़ाए जा सकते जबकि लागत 30 से 40 प्रतिशत बढ़ गई है।

श्रमण जैन स्वीट्स के विपिन जैन के मुताबिक कोविड के चलते इस सेक्टर को सबसे अधिक मार झेलनी पड़ रही है। लगातार खाद्य पदार्थों के दामों में हो रहा इजाफा इसकी मुख्य वजह है। इसको लेकर सरकार को तत्परता दिखानी चाहिए और दामों को कंट्रोल में लाने का प्रयास करना चाहिए। लुधियाना हलवाई एसोसिएशन के प्रधान चरणजीत सिंह के मुताबिक कई अहम उत्पादों के दामों में पिछले साल की तुलना में दो गुणा तक बढ़ोतरी हो गई है। ऐसे में दाम बढ़ाने के बारे में ही सोचना होगा।

किस उत्पाद के कितने बढ़े दाम

वर्ष 2020 में वनस्पति आयल का 15 किलो का टिन 1670 रुपये का था। यह अब 2350 रुपये प्रति टिन हो गया है। रिफाइंड आयल प्रति टिन 1760 था जो अब 2450 रुपये हो गया है। चीनी के दाम प्रति सौ किलो 3690 रुपये थे जो अब 3750 रुपए हो गए हैं। कॉमर्शियल एलपीजी 52 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 72 रुपये प्रति किलो हो गई है। डीजल के दाम 73 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 83 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। बेसन की कीमत 75 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 85 रुपये प्रति किलो हो गई है। बेकरी शार्टनिंग घी का 15 किलो घी का टिन 1550 रुपये से बढ़कर 1950 रुपये हो गया है।

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