लुधियाना में सीएम चन्नी ने सड़क किनारे काफिला रोक लोगों की सुनी समस्याएं, गुरुद्वारा दमदमा साहिब में टेका माथा

Punjab Assembly Election 2022ः पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने वीरवार को गांव रब्बो उच्ची में आयोजित समारोह में भाग लेने के बाद लौटते हुए सड़क किनारे खड़े लोगों की समस्याएं सुनी। उन्होंने अफसरों को समस्याएं नोट कर संबंधित विभाग को भेजने के निर्देश दिए।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 03:31 PM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 04:26 PM (IST)
लुधियाना में सीएम चन्नी ने सड़क किनारे काफिला रोक लोगों की सुनी समस्याएं, गुरुद्वारा दमदमा साहिब में टेका माथा
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने वीरवार को लाेगाें की समस्याएं सुनीं। (जागरण)

जागरण संवाददाता, रब्बो ऊंची (लुधियाना)। Punjab Assembly Election 2022ः पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने वीरवार को गांव रब्बो उच्ची में आयोजित समारोह में भाग लेने के बाद लौटते हुए सड़क किनारे खड़े लोगों की समस्याएं सुनी। हेलीपैड पर वापस जाते समय सीएम ने देखा कि ग्रामीणों का एक समूह सड़क के किनारे खड़ा है। उन्होंने अपने काफिले को कुछ देर रुकने का संकेत दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों की शिकायतों को सुना। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि उनके गांव की समस्याएं जल्द दूर की जाएंगी, साथ ही उन्होंने मौके पर ही अफसरों को समस्याएं नोट कर संबंधित विभाग को भेजने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री चन्नी ने गांव रब्बो उच्ची में जंग-ए-आजादी के पहले शहीद बाबा महाराज सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया। इसके अलावा गांव के गुरुद्वारा दमदमा साहिब पहुंचे और वहां माथा टेका। मुख्यमंत्री के साथ सांसद अमर सिंह, विधायक लखबीर सिंह लक्खा, जिला परिषद चेयरमैन यादविंदर सिंह जंडियाली और डीसी वरिंदर कुमार शर्मा भी थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले एंगलो सिख वार के बाद पंजाब में अंग्रेजों के खिलाफ मूवमेंट चलाने में बाबा महाराज सिंह का अहम स्थान था। उन्होंने देश के लिए लोगों को एकजुट करने में अहम भूमिका अदा की। सीएम ने कहा कि बाबा महाराज सिंह जी एक महान देशभक्त थे, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। उन्होंने कहा कि 1857 के विद्रोह को देश के स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत के रूप में चित्रित करने का प्रयास किया गया था, लेकिन इतिहास ने साबित कर दिया कि बाबा महाराज सिंह ने आजादी के लिए संघर्ष उसी समय शुरू किया था, जब उन्होंने अंतिम सिख शासक महाराजा दलीप को मुक्त करने का प्रयास किया था।

सिंह को अंग्रेजों के चंगुल से छुड़ाया। लेकिन अंग्रेजों को बाबा महाराज सिंह द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर बनाई गई योजनाओं की सूचना मिली और उन्हें जेल भेज दिया गया और उन्हें सिंगापुर भेज दिया गया, जहां उन्हें असंख्य कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और 5 जुलाई, 1856 को शहीद हो गए। उसके बाद गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने के बाद कोरोना महामारी के दौरान विशेष कार्य करने वाले धार्मिक शख्सियतों को सम्मानित किया।

बीबी, हुण माफ, अग्गे तो बिजली चोरी न करी ...

पायल। बिजली चोरी करने के आरोप में गांव के एक परिवार को पावरकाम विभाग ने दो लाख का जुर्माना लगा दिया। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी जब समारोह में भाग लेने के लिए पहुंचे तो महिला उनके सामने रोने गिड़गिड़ाने लगी। मुख्यमंत्री को जब उसने बताया कि विभाग ने उस पर दो लाख का जुर्माना लगा दिया है तो वह उसे समझाने लगे।

उन्होंने महिला से कहा कि आपने बिजली चोरी की, यह गलत है। उसके बाद उन्होंने लुधियाना के डीसी वरिंदर शर्मा को कहा कि इनका केस बनाकर उन्हें भेजें। मुख्यमंत्री ने महिला से कहा, ‘बीबी, मैं ता लोकां दे बिल माफ कर दित्ते, लेकिन तुसी बिजली चोरी कीती ता जुर्माना लगया। हुण माफ, अग्गे तो बिजली चोरी न करी ...।’ मौके पर मौजूद पावरकाम के अफसरों को भी हिदायत भी दी।

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