बिना परीक्षा प्रमोट करना बच्चों के करियर खराब करने जैसा

बिना परीक्षा बच्चों को प्रमोट करने के फैसले को पीएसईबी संचालकों ने गलत बताया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 07:30 AM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 07:30 AM (IST)
बिना परीक्षा प्रमोट करना बच्चों के करियर खराब करने जैसा
बिना परीक्षा प्रमोट करना बच्चों के करियर खराब करने जैसा

जागरण संवाददाता, लुधियाना

पंजाब सरकार की ओर से पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पीएसईबी) पांचवीं, आठवीं और दसवीं के बच्चों को बिना परीक्षाएं अगली कक्षा में प्रमोट करने के फैसले को स्कूल संचालकों ने गलत बताया है। स्कूल संचालकों के साथ-साथ इस फैसले से बच्चों में भी मायूसी दिखी है। वहीं ओपन स्कूलों के बच्चों और कंपार्टमेंट परीक्षा वाले विद्यार्थी अभी भी असमंजस में हैं, क्योंकि उनके बारे कुछ बताया नहीं गया है।

ज्वाइंट एक्शन फ्रंट एसोसिएटिड स्कूल के वाइस प्रेसीडेंट ठाकुर आनंद सिंह ने सरकार के फैसले को बिल्कुल गलत बताया। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से बच्चों का पढ़ाई के प्रति लगाव खत्म हो जाएगा, क्योंकि बच्चा अब यही समझेगा कि पास तो हो ही जाना है। आसानी से ली जा सकती थी परीक्षाएं

पंजाब प्राइवेट स्कूल आर्गेनाइजेशन के जिला प्रधान एसके चावला ने कहा कि बिना परीक्षाएं अगली कक्षा में प्रमोट करने से बच्चों का करियर खराब हो जाएगा। कक्षा दसवीं के बाद विद्यार्थियों ने जो स्ट्रीम चुननी होती है, उसका स्कूल प्रमुख आंकलन ही नहीं कर पाएंगे। सेल्फ सेंटर्स बना आसानी से बोर्ड परीक्षाएं ली जा सकती थीं। सरकार का फैसला गलत

बीसीएम स्कूल फोकल प्वाइंट की प्रिसिपल नीरू कौड़ा ने भी बिना परीक्षों पांचवीं, आठवीं और दसवीं के बच्चों को प्रमोट करने के फैसले को गलत बताया। उन्होंने कहा जिन बच्चों ने मेहनत की थी और जिसने नहीं भी की थी, वह सब पास कर एक ही कैटेगरी में शामिल हो जाएंगे। बच्चों में दिखी मायूसी, बोले-बहुत तैयारी की थी

आठवीं कक्षा के आशीष ने कहा कि पिछले साल परीक्षाएं रद करने का कारण समझा जा सकता था, पर इस साल भी परीक्षा रद कर अगली कक्षा में प्रमोट करना गलत है। कारण अब तो सब कुछ खुल चुका है। आठवीं कक्षा की कोमल ने कहा कि वह बोर्ड के फैसले से काफी निराश हुई है। परीक्षा के लिए डटकर मेहनत की थी। दसवीं कक्षा के छात्र हिमांशु ने कहा कि परीक्षा को लेकर बहुत तैयारी की थी। अब सभी विद्यार्थी पास हैं और अगली कक्षा में प्रमोट हो जाएंगे। सरकार ने सभी विद्यार्थियों को एक ही कैटेगरी में शामिल कर दिया। दसवीं की छात्रा रिया ने कहा कि बेशक सरकार ने स्थिति को देखते हुए यह फैसला लिया है, लेकिन ऐसा करना ठीक नहीं है। सरकार को परीक्षाओं के आयोजन के लिए कुछ हल ढूंढ़ना चाहिए था।

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