लुधियाना में निजी स्कूल संगठन ने कहा- PSEB से संबंधित स्कूलों के बच्चों से सौतेला व्यवहार ना करें पंजाब सरकार

पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड से संबंधित स्कूल संचालकों में सरकार के बोर्ड परीक्षा टालने के फैसले को लेकर आक्रोश बढ़ गया है। इसी कड़ी में विभिन्न संगठनों ने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन को पत्र लिखकर कोरोना के नाम पर परीक्षाएं लटकाने पर नाराजगी जाहिर की।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Thu, 08 Apr 2021 10:23 AM (IST) Updated:Thu, 08 Apr 2021 10:23 AM (IST)
लुधियाना में निजी स्कूल संगठन ने कहा- PSEB से संबंधित स्कूलों के बच्चों से सौतेला व्यवहार ना करें पंजाब सरकार
सरकार के बोर्ड परीक्षा टालने के फैसले को लेकर स्कूल संचालकों में आक्रोश बढ़ गया है।

लुधियाना, जेएनएन। राज्य में पैर पसार रहे कोरोना के खतरे के नाम पर पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने पांचवी की चल रही परीक्षा 19 मार्च को बीच में ही रोक दी और मार्च अंतिम सप्ताह से शुरू होने वाली 12वीं और आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं तथा 10वीं की परीक्षा अगले आदेशों तक निलंबित कर दी। यही नहीं पंजाब शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले नान बोर्ड क्लास के सभी बच्चों को बिना वार्षिक परीक्षा लिए ही अगली कक्षाओं में प्रमोट कर दिया। वहीं दूसरी तरफ विभिन्न जिलों के डिप्टी कमिश्नरों द्वारा 4 अप्रैल को जारी आदेश के अनुसार सीबीएसई से संबंधित सभी स्कूल बोर्ड कक्षाओं के प्रैक्टिकल के लिए 5 अप्रैल 2021 से 30 अप्रैल 2021 तक सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुले रह सकते हैं। इस आदेश के बाद पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड से संबंधित स्कूल संचालकों में सरकार के बोर्ड परीक्षा टालने के फैसले को लेकर आक्रोश बढ़ गया है। इसी कड़ी में स्कूल संघ पंजाब, एसोसिएटेड स्कूल संघ शहीद भगत सिंह नगर, एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल लुधियाना, इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन मोहाली, एसोसिएट स्कूल एसोसिएशन जालंधर, बठिंडा, प्राइवेट स्कूल वेलफेयर फ्रंट पटियाला ने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन को पत्र लिखकर  कोरोना के नाम पर परीक्षाएं लटकाने पर नाराजगी जाहिर की।

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जानकारी देते हुए स्कूल संघ पंजाब के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कमल शर्मा, कानूनी सलाहकार संजीव शर्मा और डी एस रावत जालन्धर ने बताया कि पंजाब के हर जिले के डिप्टी कमिश्नर ने सीबीएसई स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य को मध्यनजर रखते हुए इन स्कूलों के जिला कोऑर्डिनेटरों की प्रार्थना पर  स्कूलों को 5 अप्रैल 2021 से 30 अप्रैल 2021 तक प्रैक्टिकल परीक्षा लेने की अनुमति प्रदान कर दी है। उक्त आदेशों के अनुसार CBSE स्कूल प्रैक्टिकल के लिए बच्चों को 9  से 12 और 2 से 5 बजे तक दो शिफ्टों में स्कूल बुला सकते हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न जिलों के डिप्टी कमिश्नरों ने स्थिति का जमीनी आंकलन करके तथा बच्चो की सुरक्षा यकीनी जानकर ही यह आदेश जारी किया होगा। अगर पूरे पंजाब में आज की हालत में CBSE स्कूलों में प्रैक्टिकल हो रहे हैं,  तो फिर पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड़ से संबंधित स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों से यह सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा हैं? यह हैरानीजनक है कि सरकार को केवल सीबीएसई स्कूलों में पढ़ने वाले मंत्रियों-विधायकों-सांसदो- नेताओं-अफसरों- व पूंजीपति वर्ग के बच्चों के भविष्य की चिंता है, पर पंजाब के सरकारी और पंजाब बोर्ड से संबंधित स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब और निम्न मध्यम आर्थिक वर्ग के बच्चों के भविष्य के बारे में सोचने का समय सरकार के पास नहीं है।

स्कूल संघ पंजाब और इसके सहयोगी संगठन 29 जनवरी और 09 मार्च 2021 को पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड़ के चेयरमैन को मिलकर पहले भी करोना के चलते इस साल सभी बोर्ड़ परीक्षाएं 5वीं की तर्ज पर सेल्फ सेंटर स्कूलों में करवाने की मांग कर चुके हैं। पर बोर्ड़ नकल रहित परीक्षा नीति के नाम पर नान होम परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा करवाने की जिद्द पर अड़ा है। उन्होंने कहा कि सेल्फ सेंटरों पर परीक्षा न करवाने के पीछे नकल रहित परीक्षा केवल एक बहाना है। असली मकसद तो, परीक्षा केंद्र में उसी स्कूल के स्टाफ को निगरान लगाकर बिना पैसे की उनसे ड्यूटी करवाकर बोर्ड को पैसे बचाना है। क्योंकि नकल स्कूल की बिल्डिंगें नही करवाती या रोकती हैं। नकल रहित परीक्षा करवाना ड्यूटी दे रहे स्टाफ की जिम्मेदारी होती है और पिछले साल से ही सेल्फ सेन्टरों पर करवाई जा रही 5वीं की बोर्ड परीक्षा में दूसरे स्कूल का स्टाफ ड्यूटी दे रहा है।

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उन्होंने ने कहा कि पिछले दो सालों से प्राइवेट स्कूलों का स्टाफ 5वीं की बोर्ड़ परीक्षा के दौरान बिना किसी भुगतान के दूसरे सेंटरों में न सिर्फ निगरान की ड्यूटी देते आ रहे हैं, बल्कि बिना कोई भुगतान के पेपर भी चैक कर  रहा है। अगर पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड को पैसों की ही चिंता है, तो पंजाब के बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए हमारा प्राइवेट स्कूलों का  स्टाफ 8वीं-10वीं और 12वी के  बच्चों के सेल्फ सेंटर बनाए जाने की स्थिति में बोर्ड परीक्षा 2021 में बिना शुल्क लिए आसपास के परीक्षा  सेंटर पर डयूटी देने के लिए तैयार है। बिना परीक्षा के बोर्ड के क्लासेज के बच्चों को पास करना उनके भविष्य से खिलवाड़ होगा विशेष कर जबकि पंजाब में ही CBSE के विद्यार्थी परीक्षा देंगें और राज्य के कुछ बोर्ड तो परीक्षा परिणाम भी घोषित कर चुके हों।

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