बीमारी तो बहाना है, परिवार से मिलने जाना है..

बीमारी तो बहाना है हमें तो परिवार से मिलने जाना है। इस मूल मंत्र का प्रयोग जेल में बंद कई हवालाती व कैदी करते हैं। ये लोग बीमारी का बहाना बनाकर इलाज के लिए सिविल अस्पताल पहुंचते हैं। यहां वह अपने परिवार के साथ बगैर रोक-टोक के मिलते नजर आते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 07:22 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 07:22 AM (IST)
बीमारी तो बहाना है, परिवार से मिलने जाना है..
बीमारी तो बहाना है, परिवार से मिलने जाना है..

विनोद पुरोहित, लुधियाना : 'बीमारी तो बहाना है, हमें तो परिवार से मिलने जाना है।' इस मूल मंत्र का प्रयोग जेल में बंद कई हवालाती व कैदी करते हैं। ये लोग बीमारी का बहाना बनाकर इलाज के लिए सिविल अस्पताल पहुंचते हैं। यहां वह अपने परिवार के साथ बगैर रोक-टोक के मिलते नजर आते हैं। इतना ही नहीं, कई बार तो गाड़ी रास्ते में भी रोककर कैदियों को परिवार से मिलवाया जाता है। हालांकि ये सब नियमों के खिलाफ है।

सोमवार सुबह सेंट्रल जेल से बीमार हवालातियों व कैदियों को इलाज के लिए रोजाना की तरह सिविल अस्पताल लाया गया था। जब पुलिस गार्द ने गाड़ी रोकी तो हवालातियों व कैदियों के परिवार वालों का मिलने का सिलसिला शुरू हो गया। एक हवालाती को तो वीआइपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा था। जहां एक हवालाती ऐसा था जिसे वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा था। उसके लिए कभी खाना आ रहा था तो कभी चाय व कोल्ड ड्रिक। इसी बीच पुलिस ने गाड़ी वहां से ले जाने की कोशिश की, लेकिन परिवार के एक शख्स ने गाड़ी बीच सड़क में दोबारा रोक दी वह हवालाती को फ्रूट देने लगा। इस बीच उक्त युवक व पुलिस के बीच कुछ बहस भी हुई।

बता दें कि जेल में बंद हवालाती या कैदी जब ज्यादा बीमार होते हैं तो उन्हें इकट्ठा एक बस में सिविल अस्पताल इलाज के लिए लाया जाता है। इनमें से कुछ हवालाती ऐसे होते हैं जोकि सेटिग से आते हैं, क्योंकि जेल से निकलने से पहले उनके परिवार को पता लग जाता है कि वह सिविल अस्पताल आने वाले हैं। परिवार उनके आने से पहले ही खाना व अन्य सामान लेकर खड़ा होता है।

गाड़ी में सामान देते भी पकड़े जा चुके हैं कई लोग

सिविल अस्पताल से ही कई बार लोग गाड़ियों में जर्दा, तंबाकू व बीड़ी के बंडल खाने या अन्य सामान में छुपा कर देते पकड़े जा चुके हैं। बावजूद इसके पुलिस गार्ड ने यह मेलजोल का सिस्टम बंद नहीं किया। जेल में कई बार जर्दा, नशीली गोलियां, तंबाकू व मोबाइल बरामद होते हैं। क्या इन चीजों को ले जाने का पहला रास्ता सिविल अस्पताल तो नहीं। इसकी पुलिस को जांच करनी चाहिए व सख्ती बढ़ानी चाहिए।

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जब भी किसी हवालाती या कैदी को इलाज के लिए भेजा जाता है तो उसके परिवार को सूचित किया जाता है। इस पर परिवार के सदस्य उनके लिए फल व अन्य सामान लेकर वहां पहुंच जाते हैं। इसमें कोई बुराई भी नहीं है। वो लोग जेल गार्द की इजाजत के बाद उन्हें खाने-पीने का सामान देते हैं। इन्हें चेक करके गार्द हवालातियों व कैदियो के सुपुर्द कर देता है।

- बलकार सिंह, जेल सुपरिटेंडेंट

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