CBSE की 10वीं व 12वीं की परीक्षाओं को लेकर बोले शिक्षक- होनी चाहिए थी परीक्षाएं, विद्यार्थी बोले- स्पष्ट हुई तस्वीर

कोरोना के कारण दसवीं की परीक्षाएं रद करने और बारहवीं कक्षा की परीक्षाएं स्थगित करने का फैसला ले लिया है। सीबीएसई ने कहा कि 12वीं की परीक्षाओं के बारे फैसला एक जून को लिया जाएगा और परीक्षाओं से 15 दिन पहले सूचित किया जाएगा।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 09:39 AM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 09:39 AM (IST)
CBSE की 10वीं व 12वीं की परीक्षाओं को लेकर बोले शिक्षक- होनी चाहिए थी परीक्षाएं, विद्यार्थी बोले- स्पष्ट हुई तस्वीर
सीबीएसई की 10वीं व 12वीं की परीक्षाओं को लेकर दैनिक जागरण ने शिक्षकों व विद्यार्थियों से बातचीत की।

लुधियाना, जेएनएन। सेंट्रल बोर्ड आफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय शिक्षा मंत्री व शिक्षा सचिव के साथ हुई बैठक के बाद दसवीं की परीक्षाएं रद करने और बारहवीं कक्षा की परीक्षाएं स्थगित करने का फैसला ले लिया है। फैसले में कहा गया है कि 12वीं की परीक्षाओं के बारे फैसला एक जून को लिया जाएगा और परीक्षाओं से 15 दिन पहले सूचित किया जाएगा। वहीं कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों को इंटरनल असेसमेंट के आधार पर अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा। हालांकि परीक्षाओं के बारे में शहर के प्रिंसिपलों और विद्यार्थियों के अलग-अगल विचार है। इसी के बारे में जानने के लिए दैनिक जागरण ने की शिक्षकों व विद्यार्थियों से बातचीत।  

शिक्षक
परीक्षाएं होनी चाहिए थी: नविता पुरी
कुंदन विद्या मंदिर स्कूल की प्रिंसिपल नविता पुरी ने कहा कि परीक्षाएं होनी चाहिए थी। शिक्षण संस्थानों में कोविड-19 की सभी गाइडलाइंस को फालो कर बोर्ड की परीक्षाएं कराई जा सकती थी।


स्लाट्स में ली जा सकती थी परीक्षाएं: मृदु अब्लश

आत्म देवकी निकेतन स्कूल की प्रिंसिपल मृदु अब्लश ने कहा कि दसवीं की परीक्षाएं रद करने का फैसला गलत लगा। विभिन्न स्लाट्स में विद्यार्थियों को बुलाकर परीक्षाएं आयोजित की जा सकती थीं। बारहवीं की परीक्षाएं एक जून तक स्थगित कर दी गई है तो यह विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं की कैसे तैयारी कर सकेंगे।


दसवीं के विद्यार्थी
परीक्षाओं संबंधी मिली स्पष्टता
दसवीं कक्षा के विद्यार्थी मुनीश ने कहा कि सीबीएसई का दसवीं की परीक्षाओं को रद करने का फैसला सही भी लगा और गलत भी। स्थिति को देखते हुए फैसला ठीक लगा, पर इतनी देर तैयारी की है और परीक्षाएं नहीं होगी तो गलत लग रहा है।
स्थिति बिल्कुल क्लीयर हो गई
दसवीं कक्षा के विद्यार्थी प्रथम ने कहा कि परीक्षाओं को लेकर अब स्थिति बिल्कुल स्पष्ट हो गई है। अब साफ है कि परीक्षाएं नहीं होंगी। नहीं तो बीच में ही लटकना पड़ रहा था कि परीक्षाएं होगी या नहीं।

12वीं के विद्यार्थी
लंबे समय तक कर दी बारहवीं की परीक्षाएं स्थगित
12वीं की छात्रा बबनदीप कौर ने कहा कि बहुत लंबे समय तक परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है। वैसे परीक्षाएं रद न करने का फैसला बिल्कुल ठीक लगा है। बबनदीप ने कहा कि उसने नीट परीक्षा देनी है, अब वह भी स्थगित होगी।


स्थिति के मुताबिक फैसला ठीक
12वीं की छात्रा सिदक ने कहा कि पहले ही परीक्षाएं देरी से शुरू होनी थी। अब एक जून तक परीक्षाओं को स्थगित करने का समय काफी लंबा हो गया है। अगर स्थिति अनुसार देखा जाए तो फैसला ठीक भी है।

परीक्षा रद होने से पेरेंट्स मायूस
अभिभावक सुनीता ने कहा कि उनका बच्चा दसवीं में पढ़ रहा है और उसकी दो ट््यूशंस भी रखी हुई है। दसवीं की परीक्षाएं रद करने के फैसले से मायूसी हुई है।

मनोचिकित्सक की राय
विद्यार्थी तनाव में न आएं, धैर्य रखें : डा. राजीव गुप्ता
मानस अस्पताल के मनोचिकित्सक डा. राजीव गुप्ता ने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं को लेकर विद्यार्थियों ने दिन-रात मेहनत की है। इस बीच यदि परीक्षाओं के रद होने या स्थगित होने की बात आ जाती है तो विद्यार्थियों को धैर्य दिखाने की जरूरत है। कोविड-19 का जो समय चल रहा है, वह किसी के लिए भी सामान्य नहीं है। ऐसे में अगर आप तंदुरुस्त हैं तो आपकी सबसे बड़ी जीत ही यही है और विद्यार्थी यही मानें की उसने टाप कर लिया है। अगर आप ऐसी बीमारी के समय संक्रमित हो जाते हैं तो आपको जीवन भर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। विद्यार्थियों से विशेष तौर पर कहूंगा कि अपने इस समय को सामान्य जीवन के साथ तुलना न करें।

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