श्री कृष्ण-बलराम राथ यात्रा की तैयारियों जोरों पर

श्री कृष्ण-बलराम रथयात्रा का आयोजन बेशक 19 दिसंबर को होगा लेकिन उसका उत्साह व श्रद्धा भक्तों में अभी से दिख रही है। इस आयोजन में हर व्यक्ति शामिल होकर भगवान के रथ के दर्शन करना चाहता है और भगवान श्री कृष्ण-बलराम का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहता है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 08:36 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 08:36 PM (IST)
श्री कृष्ण-बलराम राथ यात्रा की तैयारियों जोरों पर
श्री कृष्ण-बलराम राथ यात्रा की तैयारियों जोरों पर

संस, लुधियाना : श्री कृष्ण-बलराम रथयात्रा का आयोजन बेशक 19 दिसंबर को होगा, लेकिन उसका उत्साह व श्रद्धा भक्तों में अभी से दिख रही है। इस आयोजन में हर व्यक्ति शामिल होकर भगवान के रथ के दर्शन करना चाहता है और भगवान श्री कृष्ण-बलराम का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहता है। रथयात्रा के प्रचार प्रसार में जुटे चेयरमैन राजेश ढांडा, प्रधान सतीश गुप्ता, सीनियर उप चेयरमैन राजेश गर्ग, सीनियर उप प्रधान अमित गर्ग, उप चेयरमैन सुखदर्शन जैन भोला, मदन गोयल, अनिल सिघानिया, अजय सिघानिया, कोषाध्यक्ष राजेश गुप्ता बिट्टू, विनय गर्ग, दर्शन सिगला, केशव गुप्ता ने कहा कि रथयात्रा सिर्फ एक धार्मिक आयोजन ही नहीं, बल्कि युवा वर्ग को धर्म के साथ जोड़ने का वो आंदोलन है, जिसमें हर वर्ग का योगदान इसे और मजबूती प्रदान करेगा।

युवा कार्यकर्ता हनी वर्मा ने कहा कि एसी भक्ति वेदांत श्रील प्रभुपाद ने विदेशों में जाकर सनातन संस्कृति का प्रचार किया था, लेकिन आज युवा पीढ़ी अपने धर्म से दूर हो रही है, जबकि पश्चिमी सभ्यता के लोग सनातन धर्म के करीब आ रहे हैं। भारत में युवाओं को फिर से जागरूक करने के लिए धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन बेहद जरूरी है। इस अवसर पर मिटू शमर, कर्ण लूथरा, राजीव मलिक, मिटू छाबड़ा, नितिन गुप्ता, लक्षवीर जिदल, मधुसूदन, बोनी कपूर, राजीव शमर, शिवम शमर उपेन्द्र कृष्ण दास, हरिणय गर्ग, अक्षक गोवर्धन, श्रीधाम, योगेश गुप्ता, सोनू अजमानी, उप चेयरमैन संदीप छाबड़ा, कृष्णा हरजाई, रचित हरजाई, पूनम हरजाई, राकेश तलवार, सतिन्द्र, विजय धीर, विजय पब्बी, प्रवीण गुप्ता, दीपांशु कालड़ा, रथ सचिव देवनाथ, लक्षधीर, व सोनी वालिया उपस्थित थे।

रथयात्रा का उद्देश्य लोगों को महामंत्र से जोड़ना

कमेटी के महासचिव संजीव सूद बांका ने कहा कि श्री कृष्ण-बलराम रथयात्रा धर्म का प्रतीक है और इस रथयात्रा के आयोजन का उद्देश्य लोगों को महामंत्र के साथ जोड़ना और जो व्यक्ति सारा साल मंदिर नहीं जाते, उन्हें भगवान के दर्शन करवाना है। इस अवसर पर नरोत्तम नंद दास ने जगन्नाथ सेवकों को उपदेश दिया कि कृष्ण बलराम के रूप में जब भगवान रथ पर विराजमान होते हैं, तो उनके दर्शन जीवों के लिए अति कल्याणकारी व फलदायी होते हैं।

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