लुधियाना में पावरकाम का नया स्मार्ट मीटर, जितने यूनिट बिजली की जरूरत उसके अनुसार करवाएं रिचार्ज

लुधियाना में पावरकाम ने स्मार्ट मीटर लगाना शुरू कर दिया है। बिजली की सप्लाई नियमित रहे इसलिए इसे अभी अगर नगर पावरकाम मंडल से शुरू किया गया है। इस इलाके में 43 स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। यहां 200 स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य है।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 07:09 AM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 09:06 AM (IST)
लुधियाना में पावरकाम का नया स्मार्ट मीटर, जितने यूनिट बिजली की जरूरत उसके अनुसार करवाएं रिचार्ज
लुधियाना में स्मार्ट मीटर लगने शुरू हो गए हैं।

लुधियाना [डीएल डॉन]। लुधियाना में पावरकाम ने स्मार्ट मीटर (कैश कार्ड मीटर) लगाना शुरू कर दिया है। जिन घरों में अब स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा है उन्हें बिजली के लिए इसे एडवांस में रिचार्ज करवाना होगा। आपको जितने यूनिट बिजली की जरूरत है उसके अनुसार स्मार्ट मीटर को रिचार्ज करवाना होगा। बिजली की सप्लाई नियमित रहे इसलिए इसे अभी अगर नगर पावरकाम मंडल से शुरू किया गया है। इस इलाके में 43 स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। यहां 200 स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य है। उपभोक्ता के घर में जितने यूनिट बिजली की हर महीने खपत होती है उसे उसके हिसाब से स्मार्ट मीटर को रिचार्ज करवाना होगा। रिचार्ज के सभी तहर की फीस भी शामिल होगी। स्मार्ट मीटर के साथ कोई छेड़छाड़ न हो और वह सही काम करता रहे इसके लिए पावरकाम की टीम निरीक्षण भी करेगी।

बिजली चोरी पर लगेगी लगाम : स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली चोरी पर भी लगाम लगेगी। बिजली की सप्लाई तब तक होगी जब तक मीटर में रिचार्ज होगा। अगर नगर में ट्रायल के बाद उन इलाकों में स्मार्ट मीटर लगाने की योजना है जहां बिजली की खपत ज्यादा है। आशंका है कि ऐसे इलाकों से यूनिट के मुताबिक बिल जमा नहीं हो रहा है।

स्मार्ट मीटर से नियमित मिलेगी बिजली : चीफ इंजीनियर

पावरकाम के चीफ इंजीनियर भूपिंदर सिंह खोसला का कहना है कि स्मार्ट मीटर लगाने पर उपभोक्ता को नियमित बिजली मिलेगी। स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिल भुगतान करने में कोई परेशानी नहीं होगी।

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पंजाब भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अनिल सरीन ने नगर निगम की ओर से मानसून से पूर्व शहरी क्षेत्र में सीवरेज व रोड जालियों की सफाई पर करीब सात करोड़ खर्च करने को झूठ का पुलिंदा बताया। मंगलवार को मानसून की हुई पहली बरसात के चलते शहर के मुख्य बजार, सड़कें व गली-मोहल्ले जलमग्न होने व बुड्ढे दरिया का पानी ओवरफ्लो होकर घरों में घुसने से मेयर सहित निगम अधिकारियों के बरसाती पानी की निकासी के लिए सफाई पर सात करोड़ रुपये खर्च करने के झूठ की पोल खोल कर रख दी। अगर बरसात से पूर्व सीवरेज व रोड जालियों की सफाई पर खर्च किया होता तो चंद घंटों की बरसात में शहर जलमग्न नहीं होता। सरीन ने सफाई के नाम पर खर्चे सात करोड़ रुपये की राशि के कार्य की निष्पक्ष एजेंसी से जांच की मांग की है।

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