UCPMA Poll : लुधियाना साइकिल इंडस्ट्री की सियासत गर्माई, सितंबर में होने है चुनाव; एजीएम को लेकर असमंजस

UCPMA Poll साइकिल एवं साइकिल पार्टस के सिंगल ट्रेड सबसे बड़े संगठन यूनाइटेड साइकिल एवं पार्टस एसोसिएशन की सियासत गर्मा गई है। सितंबर माह में दो साल टीम को पूरा हो जाएंगे। ऐसे में इस दौरान चुनाव करवाए जाने जरूरी है।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 09:31 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 09:31 AM (IST)
UCPMA Poll : लुधियाना साइकिल इंडस्ट्री की सियासत गर्माई, सितंबर में होने है चुनाव; एजीएम को लेकर असमंजस
कोविड के चलते इस बार एजीएम काे लेकर असमंजस बरकरार। (सांकेतिक फाेटाे)

लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। UCPMA Poll : देश के सबसे अधिक साइकिल एवं साइकिल पार्टस का निर्माण करने वाले औद्योगिक शहर लुधियाना के कारोबारियों की सियासत गर्माने लगी है। साइकिल एवं साइकिल पार्टस के सिंगल ट्रेड सबसे बड़े संगठन यूनाइटेड साइकिल एवं पार्टस एसोसिएशन की सियासत गर्मा गई है। सितंबर माह में दो साल टीम को पूरा हो जाएंगे। ऐसे में इस दौरान चुनाव करवाए जाने जरूरी है।

इसको लेकर इंडस्ट्री कई धड़ों में बंटनी आरंभ हो गई है। भले ही अभी चुनाव की तिथि घोषित नहीं हुई है, लेकिन इसका समय नजदीक आने के चलते हलचल आरंभ है। इसी के चलते कुछ दिन पूर्व मैनेजिंग कमेटी की बैठक बिना प्रधान की मौजूदगी में ही करवा दी गई। ताकि शह मात के खेल में पहले ही उन्हें संकेत दिए जा सकें। इसके साथ ही अब टीम भी दो गुटों में बंटी नजर आ रही है और प्रधानगी के इच्छुक कुछ उद्यमी मौजूदा टीम को परदे के पीछे से तोड़ने के प्रयास कर रहे हैं और अपने नाम को प्रधानगी के लिए आगे लाने को लेकर माहौल को गर्म कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि चुनावों में कैसे खिचड़ी पकती है और पिछले साल आमने सामने चुनाव लड़ने वाले कई प्रत्याशी भी एक साथ चुनाव मैदान में उतरने के कयास लगाए जा रहे हैं।

इस सबके बीच सदस्यों को एजीएम का इंतजार है। जोकि हर साल अगस्त माह में करवाई जाती है। चुनाव से पूर्व एजीएम करवाना जरूरी है और अगस्त माह के पहले या दूसरे सप्ताह एजीएम करवाई जानी जरूरी है। लेकिन कोविड के चलते इस साल एजीएम करवाई जाती है या नहीं इसको लेकर भी संशय बरकरार है और उद्यमियों में इस बात को लेकर चर्चा हो रही है कि इस बार चुनाव कब और कैसे होंगे। इसके चलते चुनावी सरगर्मियां आरंभ हो गई है। चुनावी बिसात बिछाने को लेकर जोड़ तोड़ की राजनीति भी आरंभ हो गई है।

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