SAD-BSP Alliance : लुधियाना नाॅर्थ हलके में बदले सियासी समीकरण, बसपा की झोली में सीट जाने से शिअद के दावेदार मायूस

SAD-BSP Alliance भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद शिअद दावेदारों को उम्मीद जगी थी कि इस बार उन्हें मैदान में उतरने का मौका मिलेगा। अब बसपा से गठबंधन के कारण शिअद दावेदारों के सपने टूट गए हैं।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 08:29 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 10:04 AM (IST)
SAD-BSP Alliance : लुधियाना नाॅर्थ हलके में बदले सियासी समीकरण, बसपा की झोली में सीट जाने से शिअद के दावेदार मायूस
बसपा से गठबंधन के कारण शिअद दावेदारों के सपने टूट गए हैं। (सांकेतिक तस्वीर)

लुधियाना, [भूपेंदर सिंह भाटिया]। SAD-BSP Alliance : शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच विधानसभा चुनाव 2022 से पहले हुए गठबंधन से लुधियाना नार्थ सीट से शिअद के दावेदारों को बड़ा झटका लगा है। इससे पहले शिअद-भाजपा गठबंधन में यह सीट भाजपा के खाते में थी। भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद शिअद दावेदारों को उम्मीद जगी थी कि इस बार उन्हें मैदान में उतरने का मौका मिलेगा। अब बसपा से गठबंधन के कारण शिअद दावेदारों के सपने टूट गए हैं। हालांकि लुधियाना नार्थ हलका कांग्रेस का गढ़ रहा है। वर्तमान विधायक राकेश पांंडे यहां से छह बार जीत चुके हैं।

पहले से ही आप नेताओं के संपर्क में हैं शिअद नेता

इस हलके के कुछ वरिष्ठ शिअद नेताओं को गठबंधन में यह सीट बसपा के खाते में जाने की आशंका थी। ऐसे में उन्होंने पहले ही आप नेताओं के साथ संपर्क साध लिया था। चंडीगढ़ में आप के वरिष्ठ नेता के साथ बैठक भी कर चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने लुधियाना नार्थ से अपना उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा था। इस बार शिअद नेता मायूस हैं और आप को हलके में अपनी सियासी जमीन की तलाश है। ऐसे में सियासी समीकरण भी इस बदलाव की ओर इशारा कर रहे हैं कि शिअद नेता आप में जा सकते हैं। इनमें वह नेता भी शामिल हैं जो पहले भी बागी हो चुके हैं।

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2017 में बग्गा ने की थी बगावत

वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से भाजपा के प्रवीण बांसल की जीत तय मानी जा रही थी, लेकिन शिअद के बागी उम्मीदवार मदन लाल बग्गा के आजाद चुनाव लडऩे से बांसल को हार का सामना करना पड़ा था। इसका फायदा कांग्रेस के राकेश पांडे को हुआ था और वह 5,132 मतों से जीत गए थे। बग्गा ने 12,136 मत प्राप्त किए थे। अगर उस समय बग्गा बगावत नहीं करते तो भाजपा यह सीट जीत सकती थी। बसपा के युवा उम्मीदवार 38 वर्षीय राजिंदर कुमार को मात्र 1,513 (1.23 फीसद) मत ही मिले थे। वह छठे स्थान पर रहे थे।

प्रत्याशी           पार्टी          कुल मत प्रतिशत

राकेश पांडे     (कांग्रेस)            44,864 36.40

प्रवीण बांसल    (भाजपा)            39,732 32.33

राजिंदर सीबिया  (लिप)             20,387 16.54

मदनलाल बग्गा   (आजाद)       12,136 9.85

हेमराज अग्रवाल  (आजाद)       3011 2.44

राजिंदर कुमार  (बसपा)            1,513 1.23

कांग्रेस के किले में सेंध लगाना आसान नहीं:

लुधियाना नार्थ हलका कांग्रेस का गढ़ रहा है। अब तक 14 बार हुए विधानसभा चुनाव में से 10 बार कांग्रेस ने यहां से जीत दर्ज की है। विधायक राकेश पांडे वर्ष 1992 से (वर्ष 2007 छोड़कर) यहां से जीत हासिल करते रहे हैं। वर्ष 2007 में भाजपा के हरीश बेदी ने एक बार उन्हें हराया था। अगले विधानसभा चुनाव में इस हलके से अब भाजपा और शिअद-बसपा गठबंधन अपने उम्मीदवार उतारेगा। सियासी समीकरणों से लगता है कि आप भी इस बार दांव खेल सकती है।

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