अफसरों के खिलाफ शिकायतों की जांच लटकी, पीएमओ को भेजी शिकायत

नगर निगम अफसरों के खिलाफ चीफ विजिलेंस अफसर (सीवीओ) के चंडीगढ़ आफिस में सैकड़ों शिकायतें पेंडिंग पड़ी हैं। शिकायकर्ता सुबूतों के साथ अफसरों के भ्रष्टाचार की शिकायत स्थानीय निकाय विभाग के सीवीओ को भेजते हैं लेकिन ये शिकायतें लटका दी जाती हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 06:40 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 06:40 PM (IST)
अफसरों के खिलाफ शिकायतों की जांच लटकी, पीएमओ को भेजी शिकायत
अफसरों के खिलाफ शिकायतों की जांच लटकी, पीएमओ को भेजी शिकायत

जागरण संवाददाता, लुधियाना : नगर निगम अफसरों के खिलाफ चीफ विजिलेंस अफसर (सीवीओ) के चंडीगढ़ आफिस में सैकड़ों शिकायतें पेंडिंग पड़ी हैं। शिकायकर्ता सुबूतों के साथ अफसरों के भ्रष्टाचार की शिकायत स्थानीय निकाय विभाग के सीवीओ को भेजते हैं, लेकिन ये शिकायतें लटका दी जाती हैं। 2017 से 2019 के बीच की 1336 शिकायतें सीवीओ दफ्तर में जांच के नाम पर अटकी हैं। ऐसे में अब निगम के भ्रष्ट अफसरों की शिकायतों पर जांच लटकाने का मामला प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया है। लुधियाना के आरटीआइ एक्टिविस्ट रोहित सभ्रवाल ने इस संबंध में एक शिकायत पीएमओ को भेज दी है। साथ उन्होंने कुछ शिकायतों का जिक्र भी किया है।

रोहित सभ्रवाल ने बताया कि उन्होंने कई शिकायतें सुबूतों के साथ सीवीओ को भेजी थीं। हाल में सड़कों की मरम्मत पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाने का रिकार्ड उपलब्ध न करवाने पर उन्होंने निगम अफसरों के खिलाफ सीवीओ को शिकायत दी थी। सीवीओ ने निगम के बीएंडआर ब्रांच के अफसरों को चंडीगढ़ तलब किया, लेकिन अफसरों ने तो कोई रिकार्ड भेजा और न ही खुद पेश हुए। इसके बाद उन्होंने सीवीओ से अफसरों के जरिये खर्च किए गए पैसों का रिकार्ड चेक करने की मांग की तो सीवीओ ने यह जांच भी आगे नहीं बढ़ाई। रोहित का कहना है कि निगम में तो खर्च किए गए एक-एक पैसे का हिसाब होता है, क्योंकि कमिश्नर और अन्य बड़े अधिकारियों की अनुमति के बिना फंड रिलीज नहीं किया जाता। ऐसे में सीवीओ की तरफ से जांच लटकाने से उनकी भूमिका भी संदेह के घेरे में आ रही है। इस मामले की शिकायत पीएमओ को दी है।

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