लुधियाना पुलिस की कार्रवाई पर भड़के लाेग, चंडीगढ़ रोड जाम कर नारेबाजी, वाहनाें की लगी कतारें; देखें तस्वीरें

लुधियाना की जमालपुर पुलिस की तरफ से पीड़ितों पर ही केस दर्ज करने पर भड़के सैकड़ों लोगों ने वीरवार काे जमालपुर चौक स्थित चंडीगढ़ रोड पर धरना लगाकर रोड जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने जमकर पुलिस विरोधी नारेबाजी की।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 03:16 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 03:16 PM (IST)
लुधियाना पुलिस की कार्रवाई पर भड़के लाेग, चंडीगढ़ रोड जाम कर नारेबाजी, वाहनाें की लगी कतारें; देखें तस्वीरें
सैकड़ों लोगों ने वीरवार काे जमालपुर चौक स्थित चंडीगढ़ रोड पर धरना लगाया।

जागरण संवाददाता, लुधियाना। जमालपुर पुलिस की तरफ से पीड़ितों पर ही केस दर्ज करने पर भड़के सैकड़ों लोगों ने वीरवार काे जमालपुर चौक स्थित चंडीगढ़ रोड पर धरना लगाकर रोड जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने जमकर पुलिस विरोधी नारेबाजी की। इसके चलते रोड पर दोनों तरफ लंबा जाम लग गया। उनकी मांग थी कि पीड़ित परिवार पर दर्ज मामला खारिज किया जाए। आरोपितों ने एससी समाज की युवती को अपशब्द कहे, उसके कपड़े फाड़े। इस लिए मामले एससी एसटी एक्ट की धारा जोड़ी जाए। साथ ही आरोपितों का साथ देने के आरोप में थाना प्रभारी कुलवंत सिंह मल्ली काे सस्पेंड किया जाए।

मामला बिगड़ता देख एडीसीपी-4 रुपिंदर कौर सरां, एसीपी सिमरनजीत सिंह भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों की मांगों को पूरा करने का भरोसा दिया। करीब साढ़े तीन घंटे के बाद रोड से धरना हटाया गया। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि पुलिस ने बचितर नगर इलाके में रहने वाले अजय तिवारी की शिकायत पर 27 जुलाई को 9 प्रवासी लोगों के खिलाफ मारपीट और चोरी के आरोप में झूठा केस दर्ज किया था। जबकि अजय तिवारी व उसके साथियों ने पीड़ित परिवार को पीटा था। प्रवासी पीड़ित परिवार को बचाने के लिए जब एससी समाज की एक युवती सामने आई तो आरोपितों ने उसके साथ अभद्र भाषा में बात करते हुए उसके कपड़े फाड़ दिए।

 

अगले दिन पुलिस ने पुलिस ने उसी केस को क्रास करते हुए अजय तिवारी व उसके करीब 20 साथियों पर छेड़छाड़ के तहत केस दर्ज कर दिया। मगर उसके बावजूद पुलिस मामले में एससी एसटी एक्ट नहीं लगा रही थी। जिसके चलते उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ा। रुपिंदर सरां ने बताया कि मामले में एससी एसटी एक्ट की धारा बुधवार शाम ही लगा दी गई थी। पीड़ित परिवार पर दर्ज किया गया पर्चा भी कैंसिल करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। एसएचओ के खिलाफ इंक्वारी बैठा दी गई है। अगर आरोप सही पाए गए तो बनती कार्रवाई की जाएगी।

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