राशन न मिलने पर लोगों का प्रदर्शन, डिपो होल्‍डर के खिलाफ कार्रवाई की मांग

नीले राशन कार्ड धारकों को ने डिपो होल्डर के खिलाफ नीले कार्ड लहराते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने सरकार से आरोपित डिपो होल्डर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

By Sat PaulEdited By: Publish:Wed, 20 May 2020 09:43 AM (IST) Updated:Wed, 20 May 2020 09:43 AM (IST)
राशन न मिलने पर लोगों का प्रदर्शन, डिपो होल्‍डर के खिलाफ कार्रवाई की मांग
राशन न मिलने पर लोगों का प्रदर्शन, डिपो होल्‍डर के खिलाफ कार्रवाई की मांग

लुधियाना, जेएनएन। नीले राशन कार्ड धारकों को ने डिपो होल्डर के खिलाफ नीले कार्ड लहराते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने सरकार से आरोपित डिपो होल्डर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। महिलाओं का आरोप है कि गोबिंदगढ़ आदर्श कॉलोनी में दो महीने से राशन नहीं मिला है।

प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे सुरेश पांडेय, प्रदीप कुमार सिन्हा, मिना देवी, संध्या देवी, राज रानी, राज मई, मंजू देवी, विनोद पंडित, संतोष गुप्ता, महेश गिरी, चंद्र यादव, दशरथ यादव, संजय कुमार, बीनू मिश्रा, अर्पणा देवी, ममता देवी, अनार कली, प्रभावती देवी, पूजा, उर्मिला देवी, पांडेय, रीना देवी, देवंती देवी, सुनीता देवी व संजय कुमार ने डिपो होल्डर सुखराम पर आरोप लगाया कि वह कार्ड धारकों को राशन नही दे रहा है। इस संबंध में जिला फूड सप्लाई अधिकारी सुखविंदर सिंह गिल ने कहा कि उन्हें शिकायत नहीं मिली है। जानकारी मिली है। 20 मई को जांच कर आरोपित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

स्कूल प्रबंधन ने मांगी ट्यूशन फीस, अभिभावकों ने किया प्रदर्शन

एटीआई रोड पर पड़ते अमर नगर के मैरी मिंट पब्लिक स्कूल प्रबंधन के खिलाफ अभिभावकों ने प्रदर्शन किया। अभिभावकों ने आरोप लगाया कि उन्हें स्कूल से किताबें खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। वहीं किताबों का जो सेट उन्हें पिछले साल तक पंद्रह सौ से दो हजार रुपये के बीच मिलता था, अब वह दोगुनी कीमत पर स्कूल में दिया जा रहा है। यही नहीं, स्कूल प्रबंधन अप्रैल-मई दो महीने की फीस भी मांग रहा है जबकि अभिभावक चाहते हैं कि उनके बच्चों की फीस माफ की जाए। स्कूल डायरेक्टर संतोख सिंह से जब इस संबंधी बात की तो उन्होंने कहा कि वह शिक्षा मंत्री के निर्देश का ही पालन कर रहे हैं। केवल टयूशन फीस ही अभिभावकों को देने के लिए कहा है। कुछ अभिभावक ऐसे हैं जिन्होंने ट्यशन फीस दे दी है। कुछ अभिभावक बेवजह स्कूल का नाम खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने अभिभावकों की तरफ से लगाए गए यह आरोप कि स्कूल से ही किताबें खरीदें, यह बिल्कुल गलत है। यहां तक कि उन्होंने अभिभावकों को यह भी कहा है कि जो अभिभावक दो महीने की ट्यूशन फीस देने में अभी असमर्थ हैं, वह उन्हें एक पत्र लिखकर दे दें, इसका कोई न कोई हल जरूर निकाला जाएगा। 

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