जलभराव से परेशान रेल लाइन पार के लोग संघर्ष को तैयार
रेल लाइन पार इलाके के लोग सीवरेज के गंदे पानी के गलियों में जलभराव से बेहद परेशान हैं। लोग इसके लिए संघर्ष के लिए जुट गए हैं।
जागरण संवाददाता, खन्ना : शहर के रेल लाइन पार इलाके के लोग सीवरेज के गंदे पानी के गलियों में जलभराव से बेहद परेशान हैं। प्रशासन ने उनकी समस्या का कोई हल नहीं किया तो वे बड़े संघर्ष की तैयारी में जुट गए हैं। इससे पहले वीरवार को इलाकानिवासियों ने खन्ना के तहसीलदार हरमिदर सिंह हुंडल को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन देने गए प्रतिनिधिमंडल में सीवरेज डालो संघर्ष कमेटी के प्रधान मास्टर राजिंदर सिंह सिंह, लोक आनाज मंच के प्रधान तजिदर सिंह आर्टिस्ट, महासचिव ओमकार सिंह सत्तु ने अगुवाई की। नेताओं ने कहा कि गलियों में खड़े पानी के कारण डेंगू, मलेरिया समेत अन्य बीमारियों का खतरा बना हुआ है। इसके अलावा छोटे-बड़े हादसे रोजाना की बात है। नेताओं ने कहा कि यह जनता के मानवाधिकारों का उल्लंघन है। इसके खिलाफ सड़कों पर संघर्ष के साथ ही अदालत का दरवाजा खटखटाया जाएगा। इस अवसर पर राजबीर शर्मा, कुलदीप कुमार, सौरब नैय्यर, गुरदीप सिंह खालसा, नेतर सिंह, पवित्तर सिंह, सौरभ गोपाल, बलदेव राज भी मौजूद रहे।
रजबाहों की सफाई न होने के कारण किसान परेशान
जेएनएन, रायकोट : नहरी विभाग की लापरवाही के कारण नहरों से खेतों को जाने वाले रजबाहों की सफाई न होने से किसानों को महंगे दाम डीजल जलाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। गांव रूपापति के किसान हरचेत सिंह, बुर्ज नकलियां के किसान बिट्टू व महेंद्र सिंह समेत अन्य किसानों ने बताया कि उनके खेतों को नहरी विभाग की बिजल टेल की बुर्जी नंबर 37 से पानी दिया जाता है, लेकिन पिछले एक महीने से इस टेल से उनके खेतों को सिचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा। उन्होंने बताया कि इसका कारण टेल के रास्ते की सफाई न होना है। इस कारण फसलों को पानी नहीं जा रहा और महंगा डीजल जलाना पड़ रहा है।
किसानों ने बताया कि वह इस समस्या के बारे में कई बार नहरी विभाग के अधिकारियों को भी सूचित कर चुके हैं, लेकिन अभी तक किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। किसानों ने बताया कि अगर जल्द ही उनकी समस्या का समाधान नहीं किया जाता, तो वे संघर्ष करने के लिए मजबूर होंगे। उधर, जब इस बारे में नहरी विभाग के जेई प्रभ दिलप्रीत सिंह ने कहा कि अगर इस टेल में ज्यादा मात्रा में पानी छोड़ा जाता है, तो टेल टूटने का खतरा बना रहता है। इस कारण इस टेल को पक्का करने के बारे में विभाग को लेकर भेजा गया है। फंड जारी होने के बाद ही इस समस्या का कोई स्थायी हल हो सकता है।