जिदगी तंग, रोटी की जंग

देशभर में लॉकडाउन और पंजाब में क‌र्फ्यू के कारण गैर पंजीकृत वर्करों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Apr 2020 04:30 AM (IST) Updated:Thu, 09 Apr 2020 06:09 AM (IST)
जिदगी तंग, रोटी की जंग
जिदगी तंग, रोटी की जंग

जितेंद्र सिंह, लुधियाना

देशभर में लॉकडाउन और पंजाब में क‌र्फ्यू के कारण गैर पंजीकृत वर्करों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। रोजाना कमाकर खाने वाले परिवारों के पास पैसे और राशन खत्म हो गया है। घरों में काम करने वाली महिलाओं का भी काम बंद है। लिहाजा अभी तक जैसे तैसे चल गया, लेकिन अब वह परेशान हैं। इनका कहना है कि क‌र्फ्यू के बाद से अभी तक एक दिन ही राशन मिला। जिम्मेदार मदद का दावा कर रहे हैं, लेकिन सच्चाई इससे कोसों दूर हैं। गांव के सरपंच बता रहे सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही, अपनी तरफ से जितनी हो सके उतनी राहत दे रहे हैं। वहीं डीसी प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि कंट्रोल रूम नंबर पर जो भी कॉल करता है उसके पते पर राशन भिजवाया जा रहा है। शहर में 25 शेल्टर होम की व्यवस्था की गई है जहां पर तीन टाइम का भोजन जरूरतमंदों के लिए उपलब्ध है।

14,500 का रिक्शा मजबूरी में 3500 में बेच दूंगा

अमन पार्क थरीके पिड के रिक्शा चालक रामदुलारे ने बताया कि क‌र्फ्यू के कारण रिक्शा खड़ा कर दिया है। पत्नी गीता घर पर काम करने जाती थी उसका भी काम बंद है। लिहाजा अभी तक जैसे तैसे गुजारा हो रहा था, लेकिन अब राशन और पैसे खत्म हो गए हैं। अभी तक सिर्फ एक ही दिन दो किलो चावल, आधा किलो दाल और एक साबुन की मदद मिली है। कोई चारा न होने के कारण रोजी के साधन रिक्शा जिसे 14,500 रुपये में खरीदा था उसे मजबूरी में कबाड़ के दाम 3500 रुपये में बेंच दूंगा।

भूख की मजबूरी ने बना दिया कर्जदार

सतनू ने बताया कि रोजाना मेहनत मजदूरी करके परिवार का पेट पालता था। अभी तक जैसे तैसे परिवार का गुजर बसर हो रहा था, लेकिन अब सब खत्म हो गया है। काफी कर्ज भी ले लिया है जिसके बाद से कोई मदद करने के लिए तैयार नहीं है ।

राशन न मिला तो लांघनी होगी लक्ष्मण रेखा, पैदल चल जाउंगा हरदोई

विजय ने बताया कि पत्नी सोनम और बेटी सोनिका के साथ अभी तक समय काट रहा था। अब कुछ नहीं बचा। राशन नहीं मिला तो पीएम मोदी द्वारा घरों में रहने की लक्ष्मण रेखा के आहवान को मजबूरी में लांघकर अपने घर हरदोई पैदल ही पत्नी और बेटी के साथ चला जाउंगा।

सरकार से नहीं मिल रही है मदद

अमन पार्क थरीके पिड के सरपंच से फोन पर बात की तो उनके पति ने फोन उठाया और बताया कि सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही, फिर भी जहां तक हो सकता है मदद की जा रही है।

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