Ludhiana Civil Hospital में सराय बनने के छह साल बाद भी फर्श पर ‘व्यवस्था’, जानें पूरा मामला
Ludhiana Civil Hospital मदर एंड चाइल्ड अस्पताल में प्रसव के लिए आने वाली प्रसूताओं के तीमारदारों को अस्पताल में रुकने की व्यवस्था न होने की वजह से भारी परेशानी उठानी पड़ती है। ये लोग रात में अस्पताल परिसर में यहां-वहां फर्श पर ही सोए हुए दिखते हैं।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। Ludhiana Civil Hospital सिविल अस्पताल में करीब छह साल पहले लाखों रुपये खर्च करके एक सराय बनाई गई थी। इस सराय के निर्माण का उद्देश्य था कि मदर एंड चाइल्ड अस्पताल में प्रसव के लिए आने वाली प्रसूताओं के तीमारदारों के ठहरने के लिए जगह मुहैया करवाई जाए। 30 बेड के इस सराय में तीमारदारों के लिए हर तरह की सुविधा की व्यवस्था की गई थी। हालांकि विडंबना ये है कि निर्माण के बाद चार सालों तक सराय पर ताला लटका रहा। इतना ही नहीं, जब कोरोना महामारी ने दस्तक दी तो उसके बाद अब इस सराय में कोविड टेस्टिंग, ओओएंटी क्लीनिक व डेंगू वार्ड बना दिया गया है।
उधर, दूसरी तरफ मदर एंड चाइल्ड अस्पताल में प्रसव के लिए आने वाली प्रसूताओं के तीमारदारों को अस्पताल में रुकने की व्यवस्था न होने की वजह से भारी परेशानी उठानी पड़ती है। ये लोग रात में अस्पताल परिसर में यहां-वहां फर्श पर ही सोए हुए दिखते हैं। दिन में वे अस्पताल में बनाए पार्क में बैठे रहते हैं। ऐसे में कई लोगों का सामान भी चोरी हो चुका है।
सराय बनाई तो उसका लाभ भी मिलना चाहिए
मदर एंड चाइल्ड अस्पताल में अपनी पत्नी की डिलीवरी के लिए पहुंचे संजय कुमार ने कहा कि अगर सरकार ने प्रसूताओं के तीमारदारों के ठहरने लिए सराय बनाई थी तो उसका लाभ दिया जाना चाहिए। इतने बड़े अस्पताल में दूर-दराज के गांवों से इलाज के लिए आने वाले मरीजों के ठहरनेक की कोई व्यवस्था नहीं हैं। इसकी वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
पांच दिन से फर्श पर सोना पड़ रहा
मुल्लांपुर दाखा के हरनेक सिंह का कहना है कि पांच दिन पहले अपनी पत्नी को डिलीवरी के लिए लेकर आए थे। सीजेरियन डिलीवरी हुई। पत्नी वार्ड में भर्ती है, जबकि उन्हें रोजाना अस्पताल परिसर में सीढ़ियों के पास फर्श पर सोना पड़ता है। यहां हर वक्त कुत्ते भी आते जाते-रहते हैं। अगर सराय बनी है, तो उसे तीमारदारों को इस्तेमाल करने देना चाहिए।