लुधियाना के आरटी दफ्तर का कारनामा: 2018 में लाइसेंस किया रिन्यू, अब क्लर्क बता रहे 2017 से डेड
रीजनल ट्रांसपोर्ट अथारिटी (RTA) दफ्तर के कर्मचारियों के कारनामों से लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। आरटीए दफ्तर ने वर्ष 2018 में गांव गिल के तरसेम लाल का लाइसेंस रिन्यू किया था।अब वह दोबारा लाइसेंस रिन्यू करवाने गया तो पता चला कि उसका लाइसेंस 2017 से ही खत्म है।
लुधियाना, जेएनएन। रीजनल ट्रांसपोर्ट अथारिटी (RTA) दफ्तर के कर्मचारियों के कारनामों से लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। आरटीए दफ्तर ने वर्ष 2018 में गांव गिल के तरसेम लाल का लाइसेंस रिन्यू किया था। इसकी वैधता 16 नवंबर 2020 तक थी। अब वह दोबारा लाइसेंस रिन्यू करवाने गया तो पता चला कि उसका लाइसेंस 2017 से ही खत्म है। उसे रिन्यू ही नहीं करवाया गया है। जब उसने रिन्यू करवाए गए लाइसेंस को क्लर्क को दिखाया तो उसने साफ मना कर दिया कि यह लाइसेंस वर्ष 2017 के बाद रिन्यू नहीं हुआ है। तरसेम लाल छह महीने से आरटीए दफ्तर के चक्कर काट रहा है लेकिन लाइसेंस रिन्यू नहीं हो रहा है।
वह सोमवार को फिर से दफ्तर पहुंचा लेकिन सीट पर उसे न संबंधित क्लर्क मिला और न ही आरटीए सचिव। एक बार फिर उसे निराश होकर लौटना पड़ा। तरसेम लाल का कहना है कि 2017 में उनका लाइसेंस रिन्यू होना था लेकिन उस समय एक्सीडेंट हो गया था। 2018 में लाइसेंस रिन्यू के लिए आवेदन किया और आरटीए ने उन्हें रिन्यू करके लाइसेंस का प्रिंट दे दिया जिसकी मियाद नवंबर 2020 में खत्म हुई।
मियाद खत्म होते ही उन्होंने फिर से इसे रिन्यू करने के लिए आवेदन किया। लेकिन जब वह लाइसेंस लेने आया तो कर्मचारियों ने उसे कह दिया कि उसका लाइसेंस 2017 से रिन्यू नहीं हुआ। इस बारे में कई बार आरटीए सचिव से मिलने के लिए आए लेकिन वह नहीं मिले। जो लाइसेंस विभाग ने जारी किया वह रिकार्ड में क्यों नहीं यह देखने की जिम्मेदारी विभाग की है। कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं।
लोगों को इस तरह परेशान नहीं किया जाना चाहिए
यह मामला मेरे ध्यान में नहीं है। इसका पता करवाता हूं। लोगों को इस तरह परेशान नहीं किया जाना चाहिए। अगर लाइसेंस की एंट्री नहीं हुई तो इसमें आवेदक की कोई गलती नहीं है।-संदीप सिंह, आरटीए सचिव लुधियाना