वैभव का त्याग करने से मिलती है शांति
साध्वी रत्न संचिता महाराज ने संतोष कला को सर्वोत्तम बताते हुए कहा कि संसार के समस्त पदार्थ प्राप्त करने के बाद भी मानव मन अशांति में जीता व मरता है।
संस, लुधियाना: तप चंद्रिका श्रमणी गौरव समता विभूति सरलमना महासाध्वी वीणा महाराज, कोकिल कंठी प्रवचन भास्कर साध्वी रत्न संचिता महाराज, नवकार साधिका महासाध्वी सुन्नैया महाराज, साध्वी अरणवी महाराज, साध्वी अर्षीया महाराज ठाणे -5 के सानिध्य में मुमुक्ष सृष्टि का बड़ी दीक्षा महोत्सव 28 नवंबर को एसएस जैन स्थानक में मनाया जाएगा। इस अवसर पर महासाध्वी वीणा महाराज मंगल दीक्षा पाठ सुनाएंगे। जानकारी देते सभाध्यक्ष अरिदमन जैन, महामंत्री प्रमोद जैन ने कहा कि नवदीक्षित साध्वी आर्यनंदा ने अब साध्वी संचिता महाराज के शिष्य के रूप में धर्म के मार्ग को प्रशस्त करेंगी। अब उसकी बड़ी दीक्षा 28 नवंबर को एसएस जैन स्थानक में सुबह 8:30 बजे होगी। साध्वी आर्य नंदा को आगामी दिनों में एमएड की शिक्षा भी कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि 28 नवंबर को खुद आर्यनंदा प्रवचन भी करेगी।
शुक्रवार की सभा में साध्वी रत्न संचिता महाराज ने संतोष कला को सर्वोत्तम बताते हुए कहा कि संसार के समस्त पदार्थ प्राप्त करने के बाद भी मानव मन अशांति में जीता व मरता है। इसके निवारण के लिए मुनियों द्वारा प्ररुपित संतोष धन को ही अपनाना चाहिए। अथाह संपत्ति का मालिक अपने गुरु से सुखी होने का उपाय पूछता है तो गुरु ने कहा इस संपत्ति पर राख धूल डालकर ही सुखी बना जा सकता है। मानव मन लोभ के वशीभूत बनकर सदा अशांत दुखी रहता है। शांति वैभव से नहीं अपितु वैभव के त्याग से मिलती है।
इस अवसर पर एसएस जैन सभाध्यक्ष अरिदमन जैन, चातुर्मास कमेटी चेयरमैन जितेंद्र जैन, सीनियर उपाध्यक्ष सुभाष जैन, महामंत्री प्रमोद जैन, कोषाध्यक्ष रजनीश जैन गोल्ड स्टार, नीलम जैन कंगारु, विनोद जैन गोयम, रविदर जैन भ्राता, विपन जैन, युवक संघ अध्यक्ष संजय जैन व समस्त कार्यकारिणी सदस्यगण, विजय जैन जैन पैकेवल, फूलचंद जैन शाही लिवास, अनिल जैन बावा, गुरु कृपा सेवा सोसायटी अध्यक्ष वैभव जैन व कार्यकारी सदस्य आदि शामिल थे।