अभिनेता, लेखक और निर्देशक बन निभा रहे खाकी की जिम्मेदारी; पटियाला पुलिस की घरेलू हिंसा, साइबर क्राइम के खिलाफ अनूठी पहल
पटियाला पंजाब का पहला जिला बन गया है जहां पुलिस ने ऐसी अनूठी पहल की है। अब तक 30 शार्ट मूवी बनाई जा चुकी हैं। पटियाला पुलिस की टीम ने इन फिल्मों के माध्यम से घरेलू हिंसा छेड़छाड़ व साइबर क्राइम पर कड़ा प्रहार किया है।
प्रेम वर्मा, पटियाला। यहां अभिनेता भी पुलिस वाले हैं और निर्देशक भी। संगीत से लेकर पटकथा लेखन और संपादन तक का सारा काम पुलिसकर्मी ही संभालते हैं। मकसद मनोरंजन नहीं, बल्कि जागरूकता फैलाना है। अलग-अलग सामाजिक विषयों पर शार्ट मूवी बनाकर लोगों को जागरूक करने का पंजाब पुलिस का यह प्रयास काफी सराहा जा रहा है। कोरोना काल से शुरू हुआ यह सिलसिला लगातार आगे बढ़ रहा है।
पटियाला पंजाब का पहला जिला बन गया है, जहां पुलिस ने ऐसी अनूठी पहल की है। अब तक 30 शार्ट मूवी बनाई जा चुकी हैं। पटियाला पुलिस की टीम ने इन फिल्मों के माध्यम से घरेलू हिंसा, छेड़छाड़ व साइबर क्राइम पर कड़ा प्रहार किया है। इसके अलावा पतंग की चाइनीज डोर के खतरे, मास्क पहनने का महत्व, ट्रैफिक नियमों का पालन, पुलिस भर्ती का महत्व, पुलिस भर्ती में ठगी से बचाव, पुलिस में लड़कियों की भर्ती, किडनैपिंग से बच्चों का बचाव, लूटपाट से बचने के लिए सावधानी और पुलिस ड्यूटी का महत्व जैसे विषयों पर भी शार्ट मूवी बनाई गई हैं। इनमें ज्यादातर कलाकार पुलिसकर्मी या उनके परिवार के लोग ही हैं। आने वाले दिनों में यह टीम त्योहारों के दौरान सावधानी विषय पर फिल्म बनाएगी।
घरेलू हिंसा के प्रति जागरूक करती शार्ट मूवी का दृश्य। वीडियो ग्रैब।
कैसे आया आइडिया
कोरोना के कारण जब मार्च, 2020 में लाकडाउन व कर्फ्यू लागू हुआ था तो इसके बाद घरेलू हिंसा की घटनाएं अचानक बढ़ने लगीं। पुलिस कंट्रोल रूम में ऐसी शिकायतों के लगातार फोन आने लगे। पुलिस ने महसूस किया कि लोगों को इस विषय पर जागरूक करना बहुत जरूरी है। सिपाही वरिंदर सिंह ने वीडियो के माध्यम से लोगों तक संदेश पहुंचाने का सुझाव दिया। तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मंदीप सिंह सिद्धू ने इसकी मंजूरी दे दी। वरिंदर सिंह ने घरेलू हिंसा न सहने और न करने की अपील का तीन मिनट का वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर अपलोड कर दिया। पहले ही वीडियो को करीब दस लाख लोगों ने देखा। करीब पांच हजार लोगों इसे शेयर किया और पुलिस की तारीफ की।
इंटरनेट मीडिया का किया इस्तेमाल
कोरोना के दौरान सब कुछ बंद होने की वजह से घरों में इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल काफी बढ़ गया था। लोगों की प्रतिक्रिया को देखते हुए वरिंदर सिंह ने अपनी टीम के साथ मिलकर एक के बाद एक कई विषयों पर शार्ट मूवी बनाना शुरू कर दी। इसके लिए एक अलग विंग बना दी गई। मंदीप सिद्धू के बाद विक्रमजीत सिंह दुग्गल एसएसपी बने, जिन्होंने इस विंग को जारी रखा और अब एसएसपी डा. संदीप कुमार गर्ग इस विंग को वित्तीय रूप से मजबूत बना रहे हैं।
सिपाही वरिंदर सिंह और उनकी पत्नी रजनी। जागरण
पहले कभी नहीं किया अभिनय
सिपाही वरिंदर सिंह मानसा जिले के झनीर कस्बे के रहने वाले हैं। वह 2016 में पुलिस में भर्ती हुए थे। पिता गुरमेज सिंह शिक्षक हैं, जबकि मां कुलदीप कौर घरेलू महिला हैं। वह कहते हैं, मैंने स्कूल व कालेज में कभी अभिनय नहीं किया और न ही कहीं से प्रशिक्षण लिया है। जब जरूरत महसूस हुई तो कैमरा थाम लिया। वह स्क्रिप्ट राइटिंग, निर्देशन, कैमरामैन का काम भी बखूबी कर लेते हैं। उनकी टीम में पुलिस की इंटरनेट मीडिया सेल के इंचार्ज उपनिरीक्षक (एसआइ) अभय चौहान, सिपाही कर्मवीर सिंह व मंदीप सिंह भी शामिल हैैं। वरिंदर सिंह कहते हैं कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि इस तरह कभी अभिनय भी करना पड़ेगा।
पत्नी का मिला साथ
अब वरिंदर सिंह की पत्नी रजनी भी उनकी टीम में शामिल हो चुकी हैं। रजनी पटियाला की रहने वाली हैं। वह कहती हैं, मेरे परिवार में कोई भी अभिनय नहीं करता है। मैं खुद भी कहीं अभिनय सीखने नहीं गई। पति को मेहनत करते देखा तो खुद इसका हिस्सा बन गई। इस बात की खुशी है कि मुझे अपने टीचिंग करियर के साथ पुलिस महकमे में सेवा निभाने का मौका मिला है। रजनी इन दिनों पीएचडी भी कर रही हैं। एक शार्ट मूवी में महिला कलाकार की जरूरत थी, तो पति ने उन्हेंं अभिनय के लिए कहा। इस तरह वह भी पंजाब पुलिस की शार्ट मूवी का हिस्सा बन गईं।
ऐसे बनती है शार्ट मूवी
सिपाही वरिंदर सिंह स्क्रिप्ट लिखते हैं। इसके बाद इंटरनेट मीडिया विंग के इंचार्ज अभय चौहान इस विषय पर एसएसपी से चर्चा करते हैं। उनकी मंजूरी के बाद शूटिंग शुरू होती है। इसका बजट टीम के सदस्य खुद ही मैनेज करते हैं। इसकी एडिटिंग के बाद इसे एसएसपी को दिखाया जाता है। जरूरी हो तो वह इसमें बदलाव का सुझाव भी देते हैं। इसके बाद इंटरनेट मीडिया प्रभारी इसे पुलिस के आधिकारिक अकाउंट पर अपलोड कर देते हैं।