तप, त्याग , स्वाध्याय का महापर्व पर्यूषण में बहेगी धर्म व ज्ञान की गंगा

पर्यूषण पर्व का अपना अलग ही महत्व है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Sep 2021 06:39 PM (IST) Updated:Thu, 02 Sep 2021 06:39 PM (IST)
तप, त्याग , स्वाध्याय का महापर्व पर्यूषण में बहेगी धर्म व ज्ञान की गंगा
तप, त्याग , स्वाध्याय का महापर्व पर्यूषण में बहेगी धर्म व ज्ञान की गंगा

कृष्ण गोपाल, लुधियाना

पर्यूषण पर्व का अपना अलग ही महत्व है। भाद्र त्रयोदशी से प्रारंभ होकर भाद्र शुक्ल पंचमी तक श्वेतांबरों में व ऋषि पंचमी से पूर्णामासी तक दिगबरों में मनाया जाने वाला यह महापर्व त्याग, तप व स्वाध्याय का अनुष्ठान है। पर्यूषण पर्व मंदिर मार्गीयों का शुक्रवार से जबकि जैन स्थानकवासी व तेरापंथ का एक साथ शनिवार को प्रारंभ हो रहा है। पर्यषूण पर्व तीन से 11 सितंबर तक मनाया जाएगा। 11 सितंबर को जैन स्थानकवासी व तेरापंथ समाज का, जबकि 10 सितंबर को मंदिर मार्गीय का सबसे बड़ा महापर्व संवत्सरी पर्व श्रद्धापूर्वक मनाया जाएगा। इस उत्सव को लेकर तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।

महापर्व की विशेषता :- पर्यूषण पर्व की आलौकिक महत्ता बताते हुए विनोद जैन सीएचई, महेश गोयल जनपथ, संजीव जैन सीए, जोगिदर पाल जैन ने कहा कि बहुत से पर्व आमोद-प्रमोद के लिए होते हैं, लेकिन यह पर्व आत्मा साधना का पर्व है। इस पर्व के आठ दिनों में जैन धर्मावलंबी जप, तप, व्रत, पूजा तथा स्वाध्याय आदि अनुष्ठानों को प्रश्रय देते हैं।

पर्यूषण शब्द का अर्थ :-विशाल जैन, नरेंद्र जैन निदी, जगमिदर जैन, कमल चेतली ने कहा कि पर्यूषण शब्द का अर्थ है आत्मा के समीप निवास करना। आत्मा के निज स्वरूप को जानना और स्वयं को परखना ही पर्यूषण पर्व का लक्ष्य है। पर्यूषण पर्व की श्रृंखला प्राचीन है। कल्पसूत्र जैनागम में स्पष्ट उल्लेख है-आषाढ़ चातुर्मास के आरंभ से एक मास और 20 रात्रि व्यतीत होने और 70 दिन शेष रहने पर भगवान महावीर स्वामी ने पर्यूषण पर्व के दिनों में जप, तप व ध्यान स्वाध्याय आदि का आलंबन लेते है।

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त्याग और वैराग्य दिया जाता बल विनीत जैन, रजनीश जैन गोल्ड स्टार, बलविदर जैन, नरेश जैन सीएचई ने कहा कि इस पर्व में इन दिनों साधु साध्वियां अंतगढ़ और कल्पसूत्र की वाचना करते है। जैन धर्म निवृति प्रधान धर्म है। इसमें त्याग और वैराग्य आदि पर बल दिया जाता है। यह पर्व साधक को जन सेवा की ओर प्रेरित करता है। इस पर्व को जन जन तक पहुंचाने का यही एक मार्ग है।

-------- कहां-कहां होंगे भव्य आयोजन

तीन सितंबर से मंदिर मार्गीय व चार से जैन स्थानक व तेरापंथ भवन में आरंभ हो रहे पर्यूषण पर्व को लेकर शहर के स्थानकों से लेकर मंदिर मार्गीय, तेरापंथ के द्वार सज चुके हैं। सिविल लाइंस जैन स्थानक में महासाध्वी वीणा जी मं. ठाणा-5., शिवपुरी जैन स्थानक अचल मुनि, जनता नगर जैन स्थानक में जितेंद्र मुनि, रुपा मिस्त्री गली में मनीषा, 39 सेक्टर महासाध्वी डा. पुनीत ज्योति, किचलू नगर महासाध्वी सुधा, नूरवाला रोड में अनुपम मुनि, तेरापंथ भवन में मुनि भूपेंद्र, हैबोवाल में कमला जी, मंदिर मार्गीय आत्म धर्म कमला साध्वी प्रियधर्मां, आदि के सानिध्य में प्रारंभ हो रहे हैं।

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