वर्ष 2030 तक पंजाब को एक ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने का विजन रखें दल
पंजाब में विधानसभा चुनाव की आहट के बीच तमाम राजनीतिक दलों की सरगर्मियां बढ़ गई हैं। सत्ता पक्ष आम लोगों को राहत की रेवड़ियां बांट रहा है जबकि ज्यादातर राजनीतिक दल पुराने वादे नए फ्लेवर के साथ जनता के समक्ष पेश कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : पंजाब में विधानसभा चुनाव की आहट के बीच तमाम राजनीतिक दलों की सरगर्मियां बढ़ गई हैं। सत्ता पक्ष आम लोगों को राहत की रेवड़ियां बांट रहा है, जबकि ज्यादातर राजनीतिक दल पुराने वादे नए फ्लेवर के साथ जनता के समक्ष पेश कर रहे हैं। मसलन मुफ्त बिजली, रोजगार, पेंशन इत्यादि। कोई भी राजनीतिक दल पंजाब को एक ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने की बात नहीं कर रहा है। एक ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था होने से कई वादे खुद ब खुद ही पूरे हो जाएंगे। मसलन रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, प्रति व्यक्ति आय में इजाफा होगा। यह मानना है चैंबर आफ इंडस्ट्रीयल एंड कामर्शियल अंडरटेकिग्स के प्रधान उपकार सिंह आहूजा का।
आहूजा के अनुसार वर्ष 2020-21 सकल घरेलू उत्पाद-जीडीपी इंडेक्स में पंजाब का स्थान 15वां है, जबकि महाराष्ट्र पहले स्थान पर है। पोर्ट से दूर होने के बावजूद पंजाब में ग्रोथ की संभावनाओं की कमी नहीं है। पंजाब को प्रोसेस्ड फूड, आटो पार्ट्स, साइकिल, साइकिल पार्ट्स, गारमेंट्स, निटवियर, हैंडटूल्स, गारमेंट मशीनरी, फार्म इक्विपमेंट, ट्रैक्टर एवं ट्रैक्टर पार्ट्स इत्यादि का मैन्युफैक्चरिग हब बना कर सूबे को एक ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने में सहायक हो सकते हैं।
तामिलनाडु कर सकता है तो पंजाब क्यों नहीं
उन्होंने कहा कि हाल ही में तामिलनाडु के सीएम एमके स्टेलिन ने राज्य को एक ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है तो पंजाब क्यों नहीं। इसके लिए राजनीतिक दलों के नेताओं में विजन की जरूरत है। सूबे के लिए पांच साल के बजायलंबी अवधि की नीतियां बनानी होंगी। रिसर्च एंड डेवलपमेंट, नए उत्पादों का विकास, शिक्षा को उद्योग से जोड़ कर सूबे में औद्योगिककरण को दिशा दी जा सकती है। इसके अलावा निर्यातकों को फ्रेट पर इंसेंटिव देने की जरूरत है। सूबे की अर्थव्यवस्था में मैन्युफैक्चरिग सेक्टर का 54.8 फीसद योगदान है। रोजगार के अवसर देने में इस सेक्टर का 54.8 फीसद एवं निर्माण क्षेत्र का 41 फीसद योगदान है।
सर्विस सेक्टर व स्टार्टअप दे सकते हैं सूबे को ग्रोथ
आहुजा ने कहा कि सर्विस सेक्टर एवं स्टार्टअप सूबे की ग्रोथ को रफ्तार दे सकते हैं। इसके अलावा सूबे में पर्यटन उद्योग के लिए भी अपार संभावनाएं हैं। जब औद्योगिक ग्रोथ होगी तो बेरोजगारी, नशा, युवाओं को विदेशी क्रेज इत्यादि दिक्कतें खुद ब खुद खत्म हो जाएंगी। राजनीतिक दलों को इस संबंध में अपना विजन बनाने की जरूरत है।