Positive India: माता-पिता के दिए हौसले दूर हुआ डर, कोरोना के मरीजों की सेवा में जुटीं डॉ. रुचिका
डॉ. रुचिका ने बताया कि सिविल अस्पताल लुधियाना में एक फरवरी को बतौर हाउस सर्जन वह तैनात हुई थी। यहां उन्हें आइसोलेशन वार्ड में कोरोना के मरीजों की देखरेख के लिए तैनात किया गया।
लुधियाना, [अश्वनी पाहवा]। देश भर में पिछले दिनों से चल रहे कोरोना वायरस को हराने में जहां सारे देश में लॉक डाउन जारी है। वहीं पंजाब में इस दौरान 14 अप्रैल तक लोगों की सुरक्षा के लिए कर्फ्यू भी लगा हुआ है। इसी कड़ी में लुधियाना के सिविल अस्पताल में बने आइसोलेशन वार्ड में कोरोना के मरीजों की देखरेख के लिए 26 वर्षीय महिला डॉक्टर भी निडर होकर ड्यूटी पर तैनात है। इस मुश्किल घड़ी में उनके माता-पिता द्वारा दिए हौसले से उनका जज्बा अपनी ड्यूटी के प्रति और भी मजबूत बनकर उभरा है।
पटियाला के विजय नगर की रहने वाली डॉ. रुचिका ने अपने परिवार के बारे में बताया कि उसके पिता डिफेंस में ऑडिटर, माता रेलवे में और छोटी बहन एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है। डॉ. रुचिका ने 2017 में अमृतसर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से डिग्री हासिल की है। इसके बाद मोहाली में एक प्राइवेट अस्पताल में करीब एक साल काम किया। जहां उन्होंने मेडिसिन, सर्जरी व डिलीवरी करवाने आए मरीजों की देखरेख की थी।
डॉ. रुचिका ने बताया कि सिविल अस्पताल लुधियाना में एक फरवरी को बतौर हाउस सर्जन वह तैनात हुई थी। यहां उन्हें आइसोलेशन वार्ड में कोरोना के मरीजों की देखरेख के लिए तैनात किया गया। आइसोलेशन वार्ड में जाते समय उन्हें किसी भी तरह का डर नहीं रहता, क्योंकि जब उन्होंने एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी, तभी उन्होंने मरीजों की सेवा निडर होकर के करने का प्रण किया था। साथ ही उसके माता-पिता भी उसे ड्यूटी निडरता से करने का हौसला देते रहते हैं। आजकल रोजाना उसकी छोटी बहन वीडियो काल कर उसका हालचाल पूछती है।
लोगों से अपील
डॉ. रुचिका ने शहरवासियों से अपील की है कि वे सभी अपने घरों में ही रहें। भीड़ वाली जगह में जाने से परहेज करें और समय-समय पर साबुन से हाथ धोएं। अगर किसी को खांसी, जुकाम के लक्षण हैं, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं।
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