लुधियाना में सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की पैरलल ओपीडी शुरू, बड़ी संख्या में पहुंचे मरीज
लुधियाना में सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों की तरफ से छठे पे कमीशन में नान प्रेक्टिस अलाउंस काे बेसिक पे से डीलिंग करने और एनपीए घटाने के विरोध में सोमवार को दोबारा से पैरलल ओपीडी शुरू की गई। सुबह ही बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल पहुंच गए थे।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। लुधियाना में सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों की तरफ से छठे पे कमीशन में नान प्रेक्टिस अलाउंस (एनपीए) काे बेसिक पे से डीलिंग करने और एनपीए घटाने के विरोध में सोमवार को दोबारा से पैरलल ओपीडी शुरू की गई। सुबह ही बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल पहुंच गए थे। डॉक्टरों ने अपने ओपीडी रूम में बैठकर मरीजों को देखा। कुछ डॉक्टर राउंड पर थे, उनकी ओपीडी खाली थी और बाहर बैठे मरीज डॉक्टरों के आने का इंतजार कर रहे थे। मदर चाइल्ड हॉस्पिटल में गर्भवती महिलाओं की काफी भीड़ दिखी। ओपीडी दोपहर 2 बजे तक जारी रहेगी।
बता दें कि इससे पहले डॉक्टरों ने 17 से 24 जुलाई तक ओपीडी बन्द रखी थी। जिसकी वजह से मरीजों को काफी परेशानी आई। पीसीएमएस एसोसिएशन के एग्जेक्टिव मेंबर डा. अखिल सरीन ने बताया कि पैरलल ओपीडी का निर्णय मरीजों को राहत देने के लिए लिया गया। पिछले हफ्ते मरीज काफी परेशान हुए। 30 जुलाई तक पैरलल ओपीडी चलेगी। डाक्टर अपने रूम में ही मरीजों को देखेंगे। सरकारी पर्ची की बजाए एसोसिएशन की पर्ची पर ही मरीजों को दवाएं लिखी जाएंगी और हम अपनी तरफ से दवाएं उपलब्ध करवाएंगे। हालांकि पैरलल ओपीडी के दौरान यूडीआइडी कैंप, आयुष्मान भारत सरबत बीमा योजना, इलेक्टिव सर्जरी, वीडियो कांफ्रेसिंग, वेबिनार, वीआईपी डयूटी, डोप टेस्ट सेवाओं का बाायकट रहेगा।
वहीं कोविड से जुड़े कामकाज, पोस्टमार्टम डयूटी, मेडिकोलीगल एग्जामिनेशन, नई नियुक्तियों के लिए मेडिकल एग्जामिनेशन व इमरजेंसी देखी जाएगी। डा. अखिल ने कहा कि अगर 29 जुलाई तक डाक्टरों की मांगों को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया, तो वे 2 अगस्त से सिविल सर्जन कार्यलय में जाकर धरना देंगे और कामकाज को ठप्प करेंगे। इसके बाद भी सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया तो फिर मजबूर होकर 5 अगस्त से डायरेक्टर हेल्थ के कार्यालय का कामकाज ठप्प करवाया जाएगा।