Farmer's Protest पर पद्मभूषण डॉ. जौहल ने पूछा- पंजाब का नुक्सान होते देख अब चुप क्यों हैं बुद्धिजीवी व ब्यूरोक्रेट्स
नामचीन अर्थशास्त्री व पद्मभूषण से सम्मानित डॉ. सरदारा सिंह जौहल ने एक बार फिर किसान आंदोलन पर टिप्पणी की है। जौहल ने कहा कि अब जब पंजाब का नुक्सान हो रहा है तो इसका विरोध करने वाले बुद्धिजीवी कहां हैं।
भूपेंदर सिंह भाटिया, लुधियाना। पहले पंजाब में रिलायंस को शटडाउन करने और फिर अदाणी ग्रुप को प्रदेश छोड़ने को मजबूर करने का असर हर क्षेत्र में दिखने लगा है। कहीं प्रत्यक्ष रूप से नौकरियां समाप्त हो रही हैं, तो कहीं अप्रत्यक्ष रूप से लोगों के कारोबार व आय पर प्रभाव देखने को मिल रहा है। युवा बेरोजगार हो रहे हैं और सरकार के राजस्व को अलग से चपत लग रही है, लेकिन इस मामले में विरोध को कोई सामने नहीं आ रहा है और जो किसानों का गाहे-बगाहे समर्थन कर रहे थे, वह भी साइलेंट मोड पर आ गए हैं।
इन सबके बीच पंजाब के जाने माने कृषि अर्थशास्त्री व पद्मभूषण से सम्मानति डा. सरदारा सिंह जौहल ने एक बार फिर कहा है कि पंजाब के लिए यह अच्छे संकेत नहीं हैं। बड़े कारपोरेट हाउस के यहां से जाने से इसका नुकसान सीधा पंजाब पर पड़ेगा। कारपोरेट हाउस के पंजाब छोड़ने पर 94 वर्षीय डा. जौहल ने एक कामेंट में लिखा, ‘जो नेता, अभिनेता, आइएएस, आइपीएस, बड़े बड़े तथाकथित बुद्धिजीवी या फिर लेखक एड़ियां उठा उठा कर किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे थे, उन्हें बहुत-बहुत बधाई...। पंजाब का नुकसान करवाने में उन्होंने खूब बढ़-चढ़कर योगदान दिया है। पंजाब का नुकसान होता देख अब सब चुप क्यों?’
डा. जौहल लिखते हैं, ‘यह तो ट्रेलर ही है आगे-आगे देखिए होता है क्या....। खरबूजा चाकू पर गिरे या चाकू खरबूजे पर... कटेगा खरबूजा ही...!’ उनके इस बयान पर भले ही सभी ने चुप्पी साध ली, लेकिन जानकार कहते हैं कि इन कारपोरेट हाउस के जाने के बाद प्रदेश को होने वाले नुकसान के अलावा नए निवेश पर भी इसकी मार पड़ेगी और बड़े हाउस पंजाब आने से कतराएंगे।
एक समय जब किसान आंदोलन शुरू हुआ था तो डा. जौहल ने कहा था कि यह बिल किसानों के लिए नुकसानदेह नहीं हैं, लेकिन इसे लागू करवाने में केंद्र सरकार ने हड़बड़ी कर दी। उन्हें पहले सभी पक्षों के साथ बातचीत करनी चाहिए थी। उनके इस बयान पर खूब हंगामा हुआ था। लोगों ने फेसबुक पर डा. जौहल के अकाउंट में भद्दी गालियां देने के अलावा उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी थी। इसके बाद डा. जौहल ने अपने फेसबुक अकाउंट को ही बंद कर दिया था। उस समय डा. जौहल के हमख्याली लोगों ने उनके बयान की तारीफ की थी, लेकिन वह खुलकर सामने नहीं आए थे।