मेनुअल पर्ची में लगते थे पांच मिनट और ऑनलाइन सिस्टम होने पर लग रहे तीन घंटे

सेहत विभाग ने ओपीडी में मरीजों को सुविधा देने के लिए दो दिन से कंप्यूटराइज पर्ची सिस्टम शुरू किया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 10 Dec 2019 05:30 AM (IST) Updated:Tue, 10 Dec 2019 06:09 AM (IST)
मेनुअल पर्ची में लगते थे पांच मिनट और ऑनलाइन सिस्टम होने पर लग रहे तीन घंटे
मेनुअल पर्ची में लगते थे पांच मिनट और ऑनलाइन सिस्टम होने पर लग रहे तीन घंटे

विनोद पुरोहित, लुधियाना

सेहत विभाग ने सिविल अस्पताल की ओपीडी में आने वाले मरीजों को सुविधा देने के लिए दो दिन से कंप्यूटराइज पर्ची सिस्टम शुरू किया है। विभाग का तर्क था कि इस व्यवस्था से मरीजों को सुविधा होगी, लेकिन ऑनलाइन सिस्टम आने के बाद भी मरीजों की परेशानी और बढ़ गई है।

दरअसल, पहले मैनुअल ही ओपीडी पर्ची कटवाने के लिए एक मरीज को ज्यादा से ज्यादा 4 से 5 मिनट लगते थे। अब वहीं पहले तो मरीज को लाइन में 2 से 3 घंटे खड़ा होना पड़ रहा है। फिर काउंटर पर पहुंचता है, तो वहां एक मिनट की जगह कंप्यूटर में मरीज का पूरा डाटा भरने को करीब 5 मिनट लग जाते हैं। फिर पर्ची कटती है। सोमवार की सुबह ओपीडी में पर्ची कटवाने के लिए मरीजों की लंबी कतार लगी रही। सभी लोग अस्पताल प्रबंधन को कोस रहे थे। लोगों ने अस्पताल प्रबंधन को कोसा

लोहारा गांव से आए मदन प्रताप ने बताया कि उन्होंने हड्डियों के डॉक्टर को मिलना था, लेकिन वह सुबह 11 बजे से लाइन में खड़े रहे और करीब 1:30 बजे उनका नंबर आया। वहीं हैबोवाल से आए रामसेलावन ने बताया कि जब वह अस्पताल ओपीडी में दाखिल हुए तो पर्ची के लिए ही काफी लंबी लाइन लगी थी। मजबूरी यह थी कि डॉक्टर को चेक कराया बगैर वह जा नहीं सकते थे। शिमलापुरी के रहने वाले हरबंस लाल ने बताया कि उसकी पत्नी को टीबी की प्रॉब्लम है। उन्होंने डॉक्टर से एक महीने की दवाई दोबारा रिपीट करवानी थी। डॉक्टर ने उन्हें दोबारा पर्ची कटवाने को कहा। जहां ओपीडी में लगी कतार को देखकर ही उनके होश उड़ गए।

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इस ढंग से शुरू किया जा सकता था यह कंप्यूटर पर्ची सिस्टम

सिविल अस्पताल की ओपीडी में इस सिस्टम को चलाने के लिए तीन कंप्यूटर लगाए गए हैं जो कम है। इसके लिए ओपीडी में करीब 7 से 8 कंप्यूटर व स्टाफ की जरूरत है। तभी इस सिस्टम को सही तरीके से चलाया जा सकता है। ओपीडी में तैनात एक कर्मचारी ने बताया कि उन्होंने सिस्टम शुरू होने से पहले अस्पताल प्रबंधन को ओपीडी में 6 कंप्यूटर व स्टाफ लगाने को कहा था, क्योंकि सोमवार करीब 800 मरीज की ओपीडी है और बाकी दिन कुछ कम। अब आने वाले मरीजों का नाम, पिता का नाम, घर का पता मोबाइल नंबर सभी भरना पड़ रहा है। ओपीडी में सिर्फ तीन कंप्यूटर ही लगे हैं जिस कारण यह परेशानी आ रही है। अस्पताल के कर्मचारी ने यह भी बताया कि जब मरीजों के कार्ड बन जाएंगे तो इतना समय भी नहीं लगेगा मरीज अपना ओपीडी में कार्ड दिखाएगा और उसका पूरा डाटा खुल जाएगा।

------- सिस्टम बनाने के लिए मैनपावर की जरूरत

सिविल अस्पताल प्रबंधन अस्पताल को एक प्राइवेट अस्पताल जैसा बनाने के लिए पूरा जोर लगा रहा है जो अच्छा कदम है। वह यह भूल जाता है कि इसके लिए मेनपावर बहुत जरूरी है जो अस्पताल के पास इस समय नहीं है। जच्चा बच्चा विभाग में भी वही हाल है। अब अगर बात की जाए कंप्यूटर पर्ची की तो यहां पर भी यह लोगों को आ रही दिक्कत स्टाफ की कमी ही है।

------- कोट्स---

अब ओपीडी में कंप्यूटर ऑपरेटर बढ़ा दिए हैं। जैसे-जैसे हमें परेशानियों का पता लगता रहेगा, उसका हल निकाला जाएगा। अब ओपीडी में करीब चार कंप्यूटर ऑपरेटर व मदर एंड चाइल्ड अस्पताल की ओपीडी में एक ही जगह पर दो कंप्यूटर ऑपरेटर काम करेंगे। इससे मरीजों की परेशानी थोड़ा कम होगी।

-एसएमओ,

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