डेंगू से एक मौत, लगातार तीसरे दिन मिले 50 से अधिक नए मरीज

डेंगू का खतरा आए दिन बढ़ता जा रहा है। लगातर तीसरे दिन जिले में डेंगू के 50 से अधिक मरीज सामने आए हैं। शुक्रवार को 51 नए मरीज मिले हैं जबकि एक मरीज की डेंगू के कारण मौत हो गई। हालांकि सेहत विभाग ने अब तक इसे डेंगू से संदिग्ध की श्रेणी में रखा है। मौजूदा समय में अस्पतालों में डेंगू के 166 मरीज भर्ती हैं। इनके प्लेटलेट्स काउंट में लगातार कमी आ रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 01:21 AM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 01:21 AM (IST)
डेंगू से एक मौत, लगातार तीसरे दिन मिले 50 से अधिक नए मरीज
डेंगू से एक मौत, लगातार तीसरे दिन मिले 50 से अधिक नए मरीज

जागरण संवाददाता, लुधियाना : डेंगू का खतरा आए दिन बढ़ता जा रहा है। लगातर तीसरे दिन जिले में डेंगू के 50 से अधिक मरीज सामने आए हैं। शुक्रवार को 51 नए मरीज मिले हैं जबकि एक मरीज की डेंगू के कारण मौत हो गई। हालांकि सेहत विभाग ने अब तक इसे डेंगू से संदिग्ध की श्रेणी में रखा है। मौजूदा समय में अस्पतालों में डेंगू के 166 मरीज भर्ती हैं। इनके प्लेटलेट्स काउंट में लगातार कमी आ रही है। इस कारण शहर के ब्लड सेंटर में सिगल डोनर प्लेटलेट्स (एसडीपी) और रेंडम डोनर प्लेटलेट्स (आरडीपी) की मांग काफी बढ़ गई है। शहर के सरकारी, निजी चेरिटेबल ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स की कमी हो गई है। मरीजों के स्वजन एसडीपी व आरडीपी का प्रबंध करने के लिए अस्पतालों के ब्लड सेंटरों के चक्कर लगा रहे हैं। लोगों को रिश्तेदार, परिचित और एनजीओ की मदद लेनी पड़ रही है। गौरतलब है कि जिले में अब तक डेंगू के 631 मरीजों की पुष्टि हो गई है।

डीएमसी अस्पताल के ब्लड सेंटर के प्रोफेसर डा. राजेश कुमार का कहना है कि दो हफ्ते से डेंगू के काफी ज्यादा मरीज भर्ती हो रहे हैं। रोजाना 20 से 25 मरीजों के लिए एसडीपी और रक्त की मांग आ रही है। कई मरीजों के परिजन ब्लड व एसडीपी दान कर देते हैं जबकि कई नहीं करते हैं। हालांकि डेंगू होने के बाद प्रत्येक मरीज को प्लेटलेट्स की जरूरत नहीं होती है। जब प्लेटलेट्स 20 हजार से कम होने लगता है तो प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत होती है। अगर रक्तस्राव नहीं है तो इससे नीचे आने पर भी कई बार प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत नहीं होती। जिन मरीजों में प्लेटलेट्स की कमी होती है,उन्हें हमें फ्रेश प्लेटलेटस चढ़ाने पड़ते हैं। इसके लिए डोनर को बुलाया जाता है।

केस 1.

प्रोलाइफ अस्पताल में भर्ती मनिदर को शुक्रवार को बी पाजिटिव प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ी। उनके प्लेटलेट्स काउंट 25 हजार रह गए थे। रिश्तेदारों और परिचितों से संपर्क किया लेकिन कहीं प्रबंध नहीं हुआ। इसके बाद ब्लड सेवा फैमिली से जुडे़ सदस्य ने अस्पताल जाकर एसडीपी डोनेट किया।

केस 2.

डीएमसी अस्पताल में भर्ती सरूप कांता को बी पाजिटिव एसडीपी की जरूरत थी। उनके प्लेटलेट्स काउंट नौ हजार रह गए थे। अस्पताल और एक अन्य ब्लड सेंटर में भी प्रबंध नहीं हुआ। आखिर में एक रिश्तेदार से संपर्क किया तो वह प्लेटलेट्स डोनेट करने पहुंचा। कमी का कारण : पांच दिन से ज्यादा सुरक्षित नहीं रख सकते प्लेटलेट्स

डा. राजेश कुमार का कहना है कि पांच दिन से अधिक दिन तक प्लेटलेट्स को सुरक्षित नहीं रखा जा सकता। वहीं, खून को 42 दिन तक सुरक्षित रखा जा सकता है। प्लेटलेट्स की कमी की एक मुख्य वजह यह भी है। अफवाह से बचें : एसडीपी डोनेट करने से नहीं आती कमजोरी

लोगों में अब भी भ्रम है कि खून या प्लेटलेट्स दान करने से कमजोरी आती है। ऐसा बिलकुल नहीं है। 18 से 65 साल तक की उम्र का कोई भी स्वस्थ व्यक्ति हफ्ते में दो बार एसडीपी डोनेट कर सकता है। मतलब 72 घंटे में दो बार। डोनेट करने के तुरंत बाद नए सिरे से प्लेटलेट्स बनना शुरू हो जाते हैं। कुछ घंटे में डोनेट किए प्लेटलेट्स से अधिक बन जाते हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में डेढ़ से साढ़े चार लाख तक प्लेटलेट्स तक होते हैं। सलाह : डेंगू होने पर अधिक पीएं पानी व नारियल पानी

रघुनाथ अस्पताल के ब्लड सेंटर के डा. साहिल बांसल का कहना है कि डेंगू के मरीजों की संख्या अचानक बढ़ी है। इस समय जो डेंगू मरीज आ रहे हैं उनमें प्लेटलेट्स काउंट काफी कम हैं। डेंगू की चपेट में आने के बाद लोग लापरवाही बरतते हैं इस कारण बाद में हालात खराब हो जाती है। डेंगू होने पर अधिक से अधिक पेय पदार्थ जैसे पानी, नारियल पानी लें। आराम करें। हमारे पास भर्ती मरीजों में से पांच से छह को रोज प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ रही है। स्टाक में समिति एसडीपी होता है।

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