लुधियाना के स्कूल में मनरेगा मजदूरों को खुदाई करते मिले 200 कारतूस, पुलिस बता रही कबाड़ियों से नाता

एसएचओ बलविंदर सिंह ने कहा कि ये कारतूस बहुत पुराने और गले हुए हैं। अक्सर साहनेवाल ड्राई पोर्ट पर खाड़ी देशों से आने वाले स्क्रैप के कंटेनर में से असलहा और कारतूस मिलते रहे हैं। कानूनी प्रक्रिया के झंझट से बचने को कबाड़ी उन्हें फेंक देते हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 06:59 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 06:59 PM (IST)
लुधियाना के स्कूल में मनरेगा मजदूरों को खुदाई करते मिले 200 कारतूस, पुलिस बता रही कबाड़ियों से नाता
साहनेवाल के गांव पवा में स्कूल के बाहर दबे मिले कारतूस। जागरण

जागरण संवाददाता, लुधियाना। साहनेवाल के गांव पवा में मनरेगा मजदूरों को खुदाई के दौरान सीमेंट के प्लास्टिक वाले थैले में 200 कारतूस मिले हैं। स्कूल के समीप कारतूस मिलने की खबर फैलते ही क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया। कुछ ही देर में थाना साहनेवाल पुलिस मौके पर पहुंची और कारतूसों को कब्जे में लेकर छानबीन शुरू कर दी। प्रारंभिक जांच में पुलिस ने इन्हें बहुत पुराने कारतूस बताते हुए कहा कि संभवतः इन्हें कबाड़ी ने यहां फेंका था। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और कारतूसों को सील करके जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेज दिया गया है।

एसएचओ बलविंदर सिंह ने बताया कि पुलिस ने गांव चक्क सरवण नाथ निवासी गुरमुख सिंह की शिकायत यह केस दर्ज किया है। अपने बयान में उसने बताया कि वह मनरेगा में ठेकेदारी करता है। शनिवार को गांव स्थित सरकारी स्कूल में बरसाती पानी को रीस्टोर करने के लिए रेन वाटर हारवेस्टिंग का काम शुरू हुआ। स्कूल के बाहर दो मजदूराें को गड्डा खोदने के काम पर लगा कर वाे दूसरी साइट पर चला गया। थाेड़ी देर बाद ही मजदूरों ने उन्हें फोन करके बताया कि जमीन में करीब 3 फीट गहरा खड्डा खोदने पर उन्हें सीमेंट का प्लास्टिक वाला बैग मिला। उसे निकाल कर चेक किया ताे में उसमें से कारतूस निकले। पता चलते ही गुरमुख सिंह वापस वहां पहुंचा और गांव के सरपंच को फोन करके इसकी जानकारी दी। सरपंच ने फोन करके पुलिस को कारतूस मिलने के बारे में बताया।

बलविंदर सिंह ने कहा कि यह कारतूस बहुत पुराने और गले हुए हैं। अक्सर साहनेवाल ड्राई पोर्ट पर खाड़ी देशों से आने वाले स्क्रैप के कंटेनर में से असलहा और कारतूस मिलते रहे हैं। कानूनी प्रक्रिया के झंझट से बचने के लिए कबाड़ी उसे तालाब या नाले में फेंक देते हैं। कई बार उन्हें दबा दिया जाता है। ऐसा लग रहा है कि यह भी किसी स्क्रैप कंटेनर में से निकले होंगे। फिर भी, मामले की जांच की जा रही है।

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